भारत में रहते हुए आपने कई बार लोगों के मुंह से सुना होगा- अरे क्या छपरी जैसे कपड़े पहने हैं या कैसे छपरी जैसा इंसान है. ये एक प्रकार का स्लैंग है. सोशल मीडिया पर अजीबोगरीब वीडियो बनाने वाले कुछ लोगों के लिए भी इस तरह कमेंट किए जाते हैं.
खासकर ये ऐसे लोगों के लिए होता है जो समाज की नजर में अजीब या खराब फैशन सेंस रखते हैं. यह शब्द शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म ‘आदिपुरुष’ को लेकर सोशल मीडिया पर काफी ट्रेंड करने लगा. छपरी शब्द क्यों वायरल हो रहा है और इसका आदिपुरुष से क्या कनेक्शन है- आइए जानें.
इस वर्ड को लेकर एक बेसिक गूगल सर्च आपको अर्बन डिक्शनरी के एक पेज पर ले जाएगा. इसमें लिखा है छपरी यानी “एक गैरजिम्मेदार व्यक्ति. ऐसा व्यक्ति जिसे लगता है कि ट्रेंडी हेयरकट और कपड़े उसे स्पेशल और अट्रैक्टिव बनाते हैं और समाज में बिना कोई ढंग का काम किए वह सोशल मीडिया पर अपना समय बर्बाद करता है.”
जातिसूचक गाली हो सकता है यह वर्ड
Reddit जैसे मैसेज फोरम का एक क्विक स्कैन बताता है कि शब्द के पीछे एक काला इतिहास हो सकता है. हममें से ज्यादातर लोग बातचीत के दौरान इसका इस्तेमाल करते हैं, बिना यह जाने कि यह एक जातिवादी गाली हो सकती है. वहीं छपरी के अलावा सोशल मीडिया पर निब्बा- निब्बी जैसे शब्द भी वायरल होते हैं.
आदिपुरुष के डॉयलॉग्स को कहा गया ‘छपरी’
बता दें कि 600 करोड़ की लागत से बनी ये मल्टीस्टारर फिल्म ‘आदिपुरुष’ शुक्रवार को जब रिलीज हुई तो फर्स्ट डे और फर्स्ट शो खत्म होने पर सिर्फ दर्शक ही बाहर नहीं आए, बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फिल्म से जुड़े विवाद भी आए. डायलॉग्स का मजाक बना, वेशभूषा पर मीम बने, एक्टिंग-वीएफएक्स पर खिल्लियां उड़ीं.
कहा गया कि फिल्म में रावण की लंका सोने की कम काले पत्थर से बनी ज्यादा लग रही है. इसी के साथ फिल्म की सबसे बड़ी कमी उसके डायलॉग हैं. इंटरनेट की भाषा में इस समय जिन्हें ‘छपरी’ कहा जा रहा है. ‘आदिपुरुष’ के डायलॉग सुनकर आप खुद में शर्मिंदा महसूस करते हैं कि राघव, जानकी और रावण की कहानी में ये कैसी बातें कही जा रही हैं.