छत्तीसगढ़ के बस्तर में माओवादियों ने 25 अप्रैल को दंडकारण्य बंद का आह्वान किया है। माओवादियों के इस बंद को देखते हुए पैसेंजर ट्रेनों के पहिए थम गए हैं। किरंदुल से विशाखापट्टनम तक चलने वाली पैसेंजर ट्रेन अब 26 अप्रैल तक केवल जगदलपुर तक ही आएगी और यहीं से विशाखापट्टनम लौटेगी। यानी अब जगदलपुर ही पैसेंजर ट्रेनों का अंतिम स्टॉपेज होगा। बंद के दौरान माओवादी किसी बड़ी घटना को अंजाम न दे सकें इसलिए ईको रेलवे मंडल ने यह निर्णय लिया है।
वहीं 25 अप्रैल से पहले ही ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। हालांकि, किरंदुल से विशाखापट्टनम तक चलने वाली मालगाड़ी समय अनुसार चलेगी। रेलवे में सीनियर SMR एम आर नायक ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि ईको रेलवे की तरफ से जो निर्देश मिले हैं उसी का पालन किया जा रहा है। इधर, यात्री ट्रेनों के जगदलपुर से आगे दंतेवाड़ा जिले के अंतिम स्टॉपेज किरंदुल नहीं आने पर यात्रियों को काफी परेशानी होगी।
अब जगदलपुर से पकड़नी होगी ट्रेन
बस्तर के दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल से विशाखापट्टनम के लिए दो पैसेंजर ट्रेनें चलती हैं। जिनमें से एक दिन की ट्रेन है तो वहीं दूसरी नाइट एक्सप्रेस है। अब 26 अप्रैल तक यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद हो जाने से जिले के पैसेंजरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। पैसेंजरों को अब ट्रेन से विशाखापट्टनम जाने के लिए जगदलपुर से ट्रेन पकड़नी पड़ेगी। इन दोनों पैसेंजर ट्रेनों में ज्यादातर यात्री विशाखापट्टनम में इलाज के लिए जाते हैं। सिर्फ दंतेवाड़ा से ही रोजाना 130 से 160 यात्री विशाखापट्टनम तक का सफर करते हैं।
नक्सलियों के निशाने पर होता है रेलवे ट्रैक
किरंदुल-विशाखापट्टनम रेलवे मार्ग हमेशा नक्सलियों के निशाने में रहा है। ज्यादातर दंतेवाड़ा जिले के बासनपुर-झिरका के जंगल में नक्सलियों ने रेलवे ट्रैक को नुकसान पहुंचाया है। साल 2021 में नक्सलियों ने रेलवे ट्रैक उखाड़ कर एक पैसेंजर ट्रेन को डिरेल किया था। हालांकि, ट्रेन की रफ्तार कम थी इसलिए ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। इसके अलावा लौह अयस्क लेकर जा रही कई मालगाड़ियों को भी नक्सलियों ने डिरेल किया है। साल 2021 और 2022 में अब तक रेलवे और NMDC को करोड़ों रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है।
माओवादियों ने जारी किया था प्रेस नोट
दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZC) की सदस्य हार्डकोर महिला नक्सली निर्मला उर्फ नर्मदा दीदी की इलाज के दौरान मौत हो गई है। निर्मला ने महाराष्ट्र के जेल में 9 अप्रैल को दम तोड़ा है। बताया जा रहा है कि इस पर लगभग 25 लाख रुपए का इनाम घोषित था। वहीं निर्मला की मौत को साथी माओवादियों ने शासन प्रशासन की साजिश बताया है। इसी विरोध में और निर्मला की याद में माओवादियों ने 25 अप्रैल को दंडकारण्य (दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा) बंद का आह्वान किया है। माओवादियों ने पर्चा जारी कर लोगों से बंद को सफल बनाने की अपील की है।