तमिलनाडु पुलिस की लापरवाही के चलते दो गांजा तस्करों को कोर्ट को रिहा करना पड़ा. दरअसल पुलिस ने 2020 में दो लोगों को गांजा तस्करी के आरोप में अरेस्ट किया था. पुलिस का दावा था कि उन्हें तस्करों के पास से 22 किलो गांजा मिला था. इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच कर कोर्ट में आरोपी नागेश्वर राव और राजगोपाल के खिलाफ चार्जशीट पेश की. इस पर कोर्ट ने पुलिस से सबूत के तौर पर गांजा पेश करने के लिए कहा गया.
पुलिस ने सुनवाई के दौरान विशेष नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस कोर्ट में सिर्फ 50 ग्राम गांजा पेश किया. पुलिस ने बताया कि अन्य 50 ग्राम गांजा जांच के लिए फॉरेंसिक प्रयोगशाला भेजा गया है. जब कोर्ट ने शेष 21.9 किलोग्राम गांजा मांगा तो पुलिस ने बताया कि बाकी गांजा चूहे खा गए हैं. इसके बाद कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए सूबतों के अभाव में दोनों आरोपियों को बरी कर दिया. हालांकि पहले भी इस तरह के मामले सामने का चुके हैं.
केरल: 25 ग्राम गांजा चूहे खा गए
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से भी इस साल फरवरी में ऐसा ही मामला सामने आया था. यहां दिसंबर 2016 से साबू नाम के एक शख्स को छावनी पुलिस ने नार्कोटिक्स मामले में गिरफ्तार किया था. पुलिस को उसके पास से 125 ग्राम गांजा बरामद हुआ था. इसमें से 100 ग्राम गांजा पुलिस ने जांच के लिए भेज दिया था. 25 ग्राम गांजा कोर्ट के स्टोर रूम में सबूत के लिए रखा गया था लेकिन जब कोर्ट में आरोपी की पेशी हुई तो 25 ग्राम गांजे में से आधा गांजा कम हो गया था. जब कोर्ट ने पुलिस से इसकी वजह पूछी तो अभियोजन पक्ष ने कहा कि चूहों ने ये गांजा खा लिया.