रीवा : सफेद बाघ के लिये रीवा दुनियाभर में मशहूर है. रीवा में जन्मे सफेद बाघ के वंशज पूरी दुनिया मे चर्चित हैं. रीवा के महाराजा मार्तण्ड सिंह ने व्हाइट टाइगर पकड़कर दुनिया को इसकी पहचान कराई थी. इसके पहले सिर्फ व्हाइट टाइगर की कहानियां कही जाती थी. इसको नाम दिया था ‘मोहन’, इसकी संतानें दुनियाभर में फैली हुई हैं मोहन ऐसा पहला सफेद बाघ था, जिसे जीवित रूप में पकड़ा गया था. रीवा के महाराजा मार्तण्ड सिंह ने मोहन को गोविंदगढ़ के किले में रखने के लिए ‘बाघ महल’ बनावाया. यहां बाघ की ब्रीडिंग शुरू की गई और 34 व्हाइट टाइगर जन्मे. इन्हें एक-एक करके इंग्लैड, अमेरिका और यूरोप देशों में भेजा गया. सफेद बाघ होने की आश्चर्यजनक खबर सुनकर राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू रीवा आए थे. महाराज मार्तंड सिंह ने इन्हे बाघ उपहार में दिए थे. बाघ की खरीदी बिक्री भी यहां शुरू हुई. ब्रिटेन की महारानी को बाघ की ट्रॉफी भेंट की गई. इस तरह से मोहन की संताने दुनियाभर में फैल गईं.