ट्रेन में सोते-सोते महिला की मौत: TTE ने टिकट चेक करने के लिए आवाज लगाई, पति जगाने आया तो पता लगा

राष्ट्रीय

शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन से हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां चलती ट्रेन में एक महिला यात्री की मौत हो गई। साथ में सफर करे पति को लगा पत्नी सो रही है। गर्मी लगने पर पति गेट के पास जाकर बैठ गया। टीटीई ने टिकट मांगा तो पति ने आवाज लगाई। जब कोई हलचल नहीं हुई तो वह सीट पर पहुंचा और पत्नी को जगाया, लेकिन महिला बेसुध पड़ी थी। टीटीई ने इसकी सूचना जीआरपी को दी। कोच में पहुंची जीआरपी की टीम ने महिला को राजकीय मेडिकल कॉलेज भेजा, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

लोगों ने चंदा जुटाकर की मदद
महिला पति और बच्चों के साथ अंबाला से अपने घर बिहार जा रही थी। काफी दिनों से बीमार थी। पति ने बताया कि इलाज के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए बिहार वापस जा रहे थे। अस्पताल में मौजूद लोगों ने चंदा जुटाकर पीड़ित की मदद की।

वहीं अंतिम संस्कार से लेकर परिवार को बिहार तक छोड़ने की जिम्मेदारी जीआरपी ने ली है। पोस्टमॉर्टम हाउस पर ही बच्चों को नहलाकर उनके नए कपड़े से लेकर खाने-पीने की व्यवस्था कराई गई।

डेढ़ महीने पहले अंबाला लेकर गया था परिवार
बिहार के नालंदा जिले के थाना शारेह क्षेत्र के गांव कतलपुरा का रहने वाला लल्लन, पत्नी सरस्वती (27), बेटे रंजन, सागर और दो साल की बेटी छ्क्कू के साथ डेढ़ महीने पहले अंबाला रोजगार की तलाश में गया था। यहां वह मेहनत मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण कर रहा था।

पति बोला- 10 दिन से पत्नी को बुखार था
लल्लन ने बताया, “करीब 10 दिन पहले पत्नी को बुखार आया। इलाज कराया, लेकिन फायदा नहीं हुआ। इलाज कराने के लिए मेरे पास पैसे नहीं बचे थे। पास में एक हजार रुपए बचे तो बीमार पत्नी और बच्चों के साथ हिमगिरि एक्सप्रेस ट्रेन के जनरल कोच में बैठकर बिहार जा रहा था। वहां अपने रिश्तेदार से पत्नी के लिए इलाज के लिए मदद मांगी थी।”

पूरे परिवार को ट्रेन में बिठाकर मैं गेट के पास जाकर बैठ गया। तब पत्नी सीट पर ही सो गई।​​ बरेली से ट्रेन चलने के बाद जब टीटीई टिकट चेक करने आया तो उसने टिकट मांगा। लेकिन पत्नी नहीं उठी। वो बेसुध थी। इसके बाद टीटीई ने कंट्रोल रूम को सूचना दी। देर शाम ट्रेन को शाहजहांपुर स्टेशन पर रोका गया।

मेडिकल कॉलेज में मृत करार दिया
मेडिकल की टीम और जीआरपी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर महिला को देखने के बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज भेज दिया, जहां डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया। पति लल्लन ने बताया कि उसके पास बच्चों का पेट भरने से लेकर उनको साफ कपड़े पहनाने, अंतिम संस्कार करने और बिहार तक जाने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं।

लोगों ने चंदा जुटाकर की मदद
हालत देखकर अस्पताल में मौजूद लोगों की आंखें भर आईं। लोगों ने चंदा इकट्ठा करके करीब पांच सौ रुपए लल्लन को देकर शव के साथ पोस्टमॉर्टम हाउस भिजवाया। यहां बच्चों के लिए जीआरपी और अन्य लोगों ने खाने-पीने की व्यवस्था कराई। बच्चों के लिए नये कपड़े मंगवाकर दिए।

अंतिम संस्कार और उनके बिहार तक जाने की जिम्मेदारी जीआरपी ने उठाई है। जीआरपी एसओ ने बताया कि कंट्रोल रूम से सूचना मिलने के बाद ट्रेन को रुकवाकर महिला को डॉक्टर ने अस्पताल भेजा था। वहां महिला को मृत घोषित कर दिया गया। परिवार बहुत ज्यादा गरीब है। उसके अंतिम संस्कार, बिहार जाने तक की व्यवस्था, खाने पीने की व्यवस्था जीआरपी की तरफ से कराई गई है।