“डिग्री गर्ल्स कालेज में कार्यशाला का तीसरा दिन गुजरात के पारम्परिक व्यंजन के नाम रहा “

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रायपुर : शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला महाविद्यालय रायपुर के गृह विज्ञान संकाय द्वारा तीन दिवसीय पारंपरिक व्यंजन कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यक्रम के तृतीय दिवस छात्राओं को गुजराती व्यंजन सिखाये गए । कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. अनुभा झा के वक्तव्य से हुई। उन्होंने गुजरात के विभिन्न व्यंजनों की विशेषता बताई। प्राचार्य मैडम भी स्वयं उपस्थित होकर छात्राओं को इस तरह के कार्यशाला में भाग लेने बहुत उत्साहित किया। कार्यक्रम में मुख्य ट्रेनर के रूप में अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. प्रीति कंसारा उपस्थित रही। डॉ. प्रीति कंसारा ने अपने वक्तव्य में बताया कि किसी भी व्यंजन को बनाने का हर किसी का अपना तरीका होता है।गुजरात में बाजरे की उपज अधिक होती है । अतः वहां इसका प्रयोग अधिकांश व्यंजनों होता है ,किंतु यह गरम तासीर वाला होने के कारण इसका हर मौसम में सेवन नहीं किया जा सकता।व्यंजन बनाने के लिए बाजरे में मिलेट्स आटा रागी, ज्वार तथा बेसन आदि को मिलाकर प्रयोग किया जाता है।
डॉ प्रीति कंसारा ने गुजरात के लोकप्रिय व्यंजन “मुठिया” के विषय में बताया कि यह एक ऐसा व्यंजन है जो अनेक प्रकार से बनाया जा सकता है।इसके अलावा इसमें तड़का बेहद महत्वपूर्ण होता है। इसके उपरान्त उन्होंने छात्राओं को फाफड़ा बनाने का तरीका भी बताया । छात्राओं ने स्वयं आटा गूंथ कर मुठिया फिर फाफड़ा तैयार किया।
कार्यक्रम में लगभग 1 80 से अधिक महाविद्यालय की, इग्नू की एवं नेटप्रोफेन की छात्राओं ने भाग लिया।कार्यक्रम में डॉ. प्रीति शर्मा ,डॉ. शंपा चौबे, डॉ. नंदा गुरवारा, डॉ. वासु वर्मा,डॉ. मधुलिका अग्रवाल, डॉ. सरिता दूबे, डॉ. अभया जोगलेकर, डॉ. मनीषा मिश्रा ,डॉ. रागिनी पांडेय ,डॉ. ऋतु मारवाह, श्रीमति ज्योति मिश्रा, श्रीमती दीप्ति चंद्राकर, डॉ. स्वाति सोनी, कु. श्रेया राठी एवं होमसाइंस की लैब टेक्नीशियन अल्पना गौर व केसर मंडावी भी उपस्थित थे।