यूट्यूबर मनीष कश्यप की बेतिया कोर्ट में पेशी, सड़क पर उतरी भीड़, बरसाए फूल

राष्ट्रीय

तमिलनाडु की जेल में बंद यूट्यूबर मनीष कश्यप को सोमवार को बेतिया कोर्ट में पेश किया गया. तमिलनाडु के मदुरई जेल से यूट्यूबर मनीष कश्यप को कड़ी सुरक्षा में बिहार लाया गया है. इसके बाद उसे बेतिया के स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया.

मनीष कश्यप को बेतिया लाए जाने की खबर उसके समर्थकों और चाहने वालों को लग गई थी. इसके बाद स्टेशन पर ही मनीष कश्यप को देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी. ट्रेन से उतरने के बाद उनपर समर्थकों ने फूल भी बरसाए. इसी वजह से मनीष कश्यप की सुरक्षा को लेकर सख्त इंतजाम किए गए थे.

तमिलनाडु से मनीष कश्यप को ट्रेन से लेकर पुलिस बेतिया पहुंची. स्टेशन से सीधे मनीष कश्यप को एसपी ऑफिस लाया गया जहां से बाद में उसे कोर्ट ले जाकर पेश किया गया. एसपी ऑफिस से लेकर कोर्ट तक मनीष कश्यप के समर्थक भारी संख्या में जुटे रहे और लगातार उसके पक्ष में नारेबाजी की.

बेतिया कोर्ट में मनीष कश्यप की पेशी जिस मामले में हुई वो 2020 के विधानसभा चुनाव से जुड़ा है. उस वक्त मनीष कश्यप पर चनपटिया से बीजेपी विधायक उमाकांत सिंह के साथ विधानसभा चुनाव के दौरान मारपीट करने और रंगदारी मांगने का आरोप लगा था. इससे जुड़ा केस मझौलिया थाने में दर्ज हुआ था.

इसी मामले में नामजद अभियुक्त त्रिपुरारी कुमार तिवारी उर्फ मनीष कश्यप को बेतिया न्यायालय में पेशी के लिए लाया गया था. इतना ही नहीं मनीष कश्यप के खिलाफ इसी साल मार्च महीने में मझौलिया थाने में एक और मामला दर्ज हुआ था.

मनीष कश्यप पर भारतीय स्टेट बैंक पारस पकड़ी के ब्रांच मैनेजर के साथ दुर्व्यवहार करने और सरकारी कामकाज में बाधा डालने के आरोप में केस दर्ज किया गया था. इस मामले में आरोपी मनीष कश्यप के खिलाफ कोर्ट ने कुर्की जब्ती का आदेश दिया था. 18 मार्च को जब यूट्यूबर के घर की कुर्की करने के लिए पुलिस पहुंची तो मनीष कश्यप ने जगदीशपुर थाने में सरेंडर कर दिया था.

फर्जी वीडियो मामले में तमिलनाडु पुलिस ने किया था गिरफ्तार

मनीष कश्यप के ऊपर कानूनी शिकंजा तब कसा गया जब तमिलनाडु में बिहारियों के खिलाफ हिंसा को लेकर उस पर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी वीडियो दिखाए जाने का आरोप लगा.

मनीष कश्यप की इस रिपोर्ट को तमिलनाडु पुलिस ने गलत बताते हुए उसके खिलाफ वहां मामला दर्ज किया. पुलिस के सामने जब मनीष कश्यप ने सरेंडर किया तो पहले उससे बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने पूछताछ की थी.

तमिलनाडु सरकार ने लगाया एनएसए

इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने मनीष कश्यप पर एनएसए भी लगाया है. मनीष कश्यप राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट भी गये लेकिन तमिलनाडु सरकार ने उसके खिलाफ लगाए गए एनएसए को हटाए जाने से इंकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी. अब बेतिया कोर्ट में पेशी के बाद मनीष कश्यप को पटना लाया जा सकता है जहां उसे एक दूसरे मामले में कोर्ट में पेश किया जाएगा.