30 मोबाइल नंबर, 350 कॉल… मास्टरमाइंड बद्दो का सामने आया पाकिस्तानी कनेक्शन

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Ghaziabad Conversion Case: गाजियाबाद में ऑनलाइन गेम के जरिये धर्मांतरण के रैकेट का भंडाफोड़ हुआ था. इसके बाद गाजियाबाद पुलिस ने आरोपी मौलवी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया था और धर्मांतरण रैकेट के मास्टरमाइंड शाहनवाज खान उर्फ बद्दो की तलाश शुरू कर दी थी. बीते दिनों पुलिस ने उसे भी महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग से गिरफ्तार कर लिया था. बद्दो के पाकिस्तान कनेक्शन की बात सामने आई थी. पुलिस ने उसे 14 दिन न्यायायिक हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी थी. जिसमें हैरान करने वाली खुलासा हुआ है. पुलिस को बद्दो के मोबाइल से बहुत सारी जरूरी डिटेल मिली है.

7 घंटे की पूछताछ, मिले 30 पाकिस्तानी मोबाइल नंबर

गाजियाबाद पुलिस ने 13 जून को ATS और केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर 7 घंटे से ज्यादा शाहनवाज उर्फ बद्दो से पूछताछ की. पुलिस को पाकिस्तान की ई-मेल आईडी के बारे में जानकारी मिली. आरोपी के फोन से 30 से ज्यादा पाकिस्तानी नंबर भी मिले हैं. बद्दो की पीओके (PoK) में रहने वाले युवक के साथ हुई मोबाइल चैट भी पुलिस ने बरामद की है. इतना ही नहीं लाहौर के रहने वाले ट्रैफिक पुलिसकर्मी की आईडी भी पुलिस को बद्दो के पास से बरामद हुई है.

गाजियाबाद वाले नाबालिग को 300 कॉल

पूछताछ में सामने आया है कि गाजियाबाद के राजनगर के रहने वाले नाबालिग बच्चे के साथ बद्दों की 350 से ज्यादा बार बातचीत हुई. अब पुलिस बद्दो के लैपटॉप और मोबाइल का डेटा रिकवर करने की कोशिश कर रही है. क्योंकि आरोपी बद्दो काफी कुछ डिलीट कर चुका है.

11 मई को गिरफ्तार किया गया था बद्दो

शाहनवाज उर्फ बद्दो को थाना कविनगर पुलिस ने 11 मई को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग से गिरफ्तार किया था और इसे ट्रांजिस्ट रिमांड पर लाया गया था. अदालत में पेश करने के बाद उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत मे भेजा गया था. इस मामले में 30 मई को थाना कविनगर में धर्मांतरण का केस दर्ज कराया गया था.

सिम से पकड़ाया गया था बद्दो

शाहनवाज़ तक ठाणे पुलिस नए सिम कार्ड के जरिए पहुंची. ठाणे पुलिस को जानकारी मिली थी कि शाहनवाज ने नया सिम कार्ड लिया है और उसी का इस्तेमाल कर रहा है. ठाणे पुलिस ने नए सिम कार्ड की जानकारी निकाली. इसमें शाहनवाज का लोकेशन रायगढ़ के अलीबाग इलाके निकली. इसके बाद ठाणे पुलिस की दो टीमें 10 जून की रात को अलीबाग के रवाना हुई. 11 जून की तड़के 3 बजे से लेकर सुबह 11.30 बजे तक ठाणे पुलिस ने अलीबाग के कई लॉज और कॉटेज को खंगाला. इसी दौरान शाहनवाज और उसका भाई उनके हत्थे चढ़ गया, जो नाम बदलकर लॉज में रह रहा था.

सिम देने वाले किए गए थे गिरफ्तार

शाहनवाज इतना शातिर था कि ऑनलाइन गेम पर फर्जी आईडी बनाने और इस्तेमाल करने के लिए उसने दो लड़कों से सिम ले लिया था और उसी का इस्तेमाल करता था. पुलिस ने शाहनवाज के भाई को सिम कार्ड देने वाले दो लोगों को भी गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी पर आरोपी के पिता कैमरे के आगे रोते हुए माफी मांगते नजर आए.

गाजियाबाद में हुआ मामले का खुलासा

गौरतलब है कि बीते दिनों गाजियाबाद में ऑनलाइन गेमिंग एप्लिकेशन के जरिए धर्मांतरण का मामला सामने आया था. इसमें शाहनवाज खान और गाजियाबाद की एक मस्जिद के मौलवी के खिलाफ अवैध धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. पुलिस ने कहा था कि गाजियाबाद के एक व्यक्ति ने पिछले महीने शिकायत दर्ज कराई थी कि मौलवी अब्दुल रहमान और बद्दो ने हाल ही में 12वीं की परीक्षा पास करने वाले उसके बेटे का धर्मांतरण कराया था.

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसका बेटा एक ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए बद्दो के संपर्क में आया और अक्सर उससे बात करता था. इसके बाद उसका झुकाव इस्लाम अपनाने की ओर हो गया. लड़के ने अपने पिता को बताया था कि बद्दो के समझाने पर उसने इस्लाम कबूल भी कर लिया है. इस मामले में मुंब्रा पुलिस और गाजियाबाद पुलिस ने मिलकर शाहनवाज को महाराष्ट्र के अलीबाग से गिरफ्तार किया था. शाहनवाज पर लड़के का जबरन धर्म बदलवाने का आरोप है.

बच्चों को इस्लाम के बारे में जानकारी देता था बद्दो

गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ की गई. इस पूछताछ में उसने बताया कि फोर्टनाईट (Fortnite) गेमिंग ऐप के जरिये साल 2021 में दोनों की जान पहचान हुई थी. इसके बाद एक-दूसरे से बात करने के लिए Discord का इस्तेमाल करने लगे. फिर फोन पर भी बात करने लगे. इसके बाद दोनों ने फोर्टनाईट पर गेम खेलना बंद कर दिया. मगर, 2021 के दिसंबर में दोनों ने Valorant गेम के जरिये फिर गेम खेलना शुरू किया. डिस्कोड ऐप पर शहनवाज की अच्छी रैंकिंग से आकर्षित होकर लड़के उससे चैट करते थे. इसी दौरान शाहनवाज लड़कों को बरगलाता था और चैट में ही इस्लाम धर्म से जुड़ने के फायदे बताता था.

‘कुरान पढ़ेगा तो गेम जीत जाएगा’

बता दें कि बहला-फुसलाकर बच्चों का धर्मांतरण करने का ये सारा खेल दो स्टेप में होता था. पहला स्टेप बच्चों के साथ ऑनलाइन गेम खेलना और दूसरे स्टेप में बच्चों से ऐप के जरिए चैटिंग करना और इस्लाम के फायदे बताना. दूसरे स्टेप में हैंडलर हिंदू नामों से आईडी बनाते थे. फिर हिंदू बच्चों को ‘Fortnite’ गेम खेलने के लिए उकसाते थे. असली खेल तब शुरू होता था, जब बच्चा गेम हार जाता था.

गेम हारने के बाद बच्चे से कहा जाता था कि वो कुरान की आयत पढ़े तो जीत जाएगा. इसके बाद जब बच्चा आयत पढ़कर गेम खेलता तो साजिश के तहत उसे जितवा दिया जाता था. इस तरह बच्चे का मुस्लिम धर्म की तरफ झुकाव बढ़ जाता. इसके बाद दूसरी स्टेप शुरू होती. बच्चे से ‘Discord’ ऐप के जरिए चैटिंग की जाती. बच्चे का भरोसा जीतकर उसको इस्लाम की जानकारी दी जाती.