सिंगापुर के भारतवंशी परिवार ने लाखों प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त में भोजन परोसा

भारतीय मूल की एक पूर्व शिक्षिका और उनके परिवार ने सिंगापुर के लिटिल इंडिया क्षेत्र में पिछले कुछ सालों में लाखों प्रवासी श्रमिकों को निशुल्क भोजन परोसा है। उन्होंने वर्ष 2018 में एक सूप किचन की स्थापना की थी। इसमें अब तक प्रवासी श्रमिकों, मुख्य रूप से भारत और बांग्लादेश से आए लोगों को एक करोड़ से अधिक बार भोजन परोसा जा चुका है। लता गोविंदसामी और उनके परिवार ने देखा कि लिटिल इंडिया में प्रवासी कार्मिकों को शुद्ध, पारंपरिक और पौष्टिक भारतीय भोजन मिलना मुश्किल और महंगा था। इसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने ‘कृष्णा फ्री मील्स’ नाम से एक सूप किचन शुरू किया, जहां कामगारों को निःशुल्क नाश्ता, दोपहर और रात का भोजन उपलब्ध कराया जाता है। कोविड-19 महामारी के दौरान कई स्वयंसेवक और शुभचिंतक इस प्रयास में शामिल हुए और उन्होंने आर्थिक मदद दी। स्वयं श्रमिक भी सूप किचन के संचालन में छोटी-छोटी राशि देकर योगदान करने लगे। गोविंदसामी ने कहा, “मेरी दो बहनें, उनके पतियों और मैंने यह पहल इसलिए शुरू की क्योंकि हमारे माता-पिता ने हमें सिखाया था कि भोजन बांटने से लोगों के बीच स्नेह और अपनापन बढ़ता है।” उन्होंने कहा कि प्रवासी कामगारों को स्वाद से समझौता किए बिना पारंपरिक भोजन देना उनके चेहरे पर खुशी लाने का प्रयास है शुरुआत में इस सूप किचन की स्थापना के लिए परिवार ने अपनी बचत का उपयोग किया था, लेकिन वर्ष 2019 से कामगारों ने 50 सेंट प्रति व्यक्ति का योगदान देना शुरू किया।
जनवरी 2020 में कोविड महामारी शुरू होने के बाद लोग समझने लगे कि यह भोजनालय मुख्य रूप से परिवार की धनराशि पर चल रहा है। इसके बाद कई स्वयंसेवक भी आर्थिक मदद के लिए सामने आए। गोविंदसामी ने बताया, “लोग सीधे आकर दान देने लगे और फोन करके पूछने लगे कि वे किस तरह मदद कर सकते हैं। अब हम हर सोमवार को इंस्टाग्राम पर उस सप्ताह के लिए जरूरी सामग्रियों की सूची डालते हैं।” उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य है कि वे अधिक से अधिक लोगों तक निःशुल्क भोजन पहुंचाएं, एक सेंट्रल किचन खोलें और सभी सिंगापुर वासियों के लिए भोजन सुलभ बनाएं। वह भविष्य में बुजुर्गों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए वेंडिंग मशीन लगाने पर भी विचार कर रही हैं।