इंटरपोल का ड्रग्स के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन, 6.5 बिलियन डॉलर की ड्रग जब्त

इंटरपोल ने ड्रग्स के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन लायनफिश-मेयाग III छेड़ा है. सिर्फ 2 हफ्तों में भारत समेत 18 देशों में ये ऑपरेशन चलाया गया है. इसके तहत 76 टन ड्रग्स बरामद किया गया है. अंतरराष्ट्रीय बाज़ार कीमत 6.5 बिलियन डॉलर आंकी गई है. इसमें रिकॉर्ड 297 मिलियन नशे की गोलियां जब्त की गई हैं.ऑपरेशन में शामिल एजेंसियों ने फेंटानिल, हेरोइन, कोकीन और प्रीकर्सर का बड़ा जखीरा बरामद किया है. इस बड़े अभियान में 386 गिरफ्तारियां हुई हैं और डार्कनेट पर इस अवैध कारोबार पर भी कार्रवाई हुई है. खबरों के मुताबिक, ड्रग्स को सर्फबोर्ड, टी बॉक्स, कैट फूड और कॉफी मशीन में छिपाया गया था. बरामद फेंटानिल इतनी मात्रा में था कि 15.1 करोड़ लोगों की जान ले सकता था. इंटरपोल का कहना है कि यह अब तक की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय ड्रग-रोधी कार्रवाई में से एक है.
इंटरपोल ने अपने वेबसाइट पर एक प्रेस रिलीज जारी करके बताया है कि ड्रग्स की तस्करी के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय अभियान में 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य की सिंथेटिक ड्रग्स की बड़े पैमाने पर जब्ती हुई है. अधिकारियों ने कुल 76 टन ड्रग्स को पकड़ा है, जिसमें 51 टन मेथामफेटामाइन भी शामिल है. इसमें रिकॉर्ड 297 मिलियन मेथ की गोलियां मिली हैं, जिन्हें ‘याबा’ के नाम से जाना जाता है. इसके अलावा फेंटेनल, हेरोइन, कोकीन और दूसरे केमिकल ड्रग्स भी बरामद हुए हैं.
दो सप्ताह के इस ऑपरेशन के दौरान कुल 386 गिरफ्तारियां की गईं, जिसमें इंचियोन नेशनल एयरपोर्ट पर एक ऐसे अपराधी की गिरफ्तारी भी शामिल है जिसके खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस जारी हो रखा था. उसपर मेथामफेटामाइन तस्करी का आरोप है. भारत में, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारियों ने “केटामेलन” नाम के एक बड़े डार्कनेट ड्रग सिंडिकेट को नष्ट कर दिया. ऑपरेशन के परिणामस्वरूप एलएसडी ब्लॉट और केटामाइन के साथ-साथ लगभग 87,000 अमेरिकी डॉलर मूल्य की डिजिटल संपत्ति जब्त की गई. जांच से पता चला कि विक्रेता पिछले 14 महीनों में 600 से अधिक ड्रग्स शिपमेंट के लिए जिम्मेदार था.