‘हाथ चला दें तब जानोगे विधायक हैं’, महाराजगंज में स्वास्थ्य अधिकारी पर भड़के बीजेपी MLA.. VIDEO

उत्तर प्रदेश : महाराजगंज जिले में स्थित निचलौल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में आयोजित स्वास्थ्य मेले के दौरान एक बड़ा विवाद हुआ. क्षेत्रीय विधायक प्रेम सागर पटेल और सीएचसी अधीक्षक उमेश सिंह के बीच कहासुनी हो गई. यह घटना तब हुई जब विधायक ने मंच के सामने की कुर्सियों पर मरीजों की जगह आशा और एएनएम को बैठा देखा. उन्होंने तुरंत जिलाधिकारी (डीएम) को वीडियो कॉल करके शिकायत करनी शुरू कर दी. इसी दौरान अधीक्षक ने विधायक के हाथ से मोबाइल छीनने की कोशिश की, जिसके बाद विधायक उन पर भड़क गए. वायरल वीडियो में बीजेपी विधायक (सिसवा विधानसभा) प्रेम सागर पटेल गुस्से में कहते दिख रहे हैं, “तुम अपने मोबाइल से बात कर… मेरे मोबाइल को कैसे छू दिया? चाहते हो हाथ चला दें तब जानोगे विधायक हैं?” उन्होंने अधीक्षक को फटकार लगाते हुए कहा कि वह उन्हें अभी निलंबित करवा देंगे, क्योंकि ये सभी कर्मचारी हैं और मेले में उनकी ड्यूटी होनी चाहिए, न कि कुर्सियों पर बैठने की. विधायक ने डीएम को वीडियो कॉल पर यह भी दिखाया कि किस तरह बड़े-बड़े पंखे लगे हैं, जबकि जनता को गर्मी में परेशानी हो रही है.
‘दो मुक्का दे देंगे (हाथ चला देंगे) तब जानोगे कि विधायक हैं…’,
स्वास्थ्य केंद्र के कार्यक्रम में आम जनता की जगह कूलर की हवा खा रहे थे स्वास्थ्य कर्मी, विधायक प्रेम सागर पटेल को चढ़ गई गर्मी, पारा हो गया हाई, CHC अधीक्षक के साथ हो गई भिड़ंत. यूपी के #Maharajganj का है मामला. pic.twitter.com/jkoGcCjNDy
— NMF NEWS (@nmfnewsofficial) September 24, 2025
विधायक प्रेम सागर पटेल का आरोप था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्देश्य गरीब और लाचार लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देना है, लेकिन यहां इसका उल्टा हो रहा है. उन्होंने कहा कि उन्होंने अधीक्षक को पहले ही मेले में भीड़ सुनिश्चित करने को कहा था. जब विधायक डीएम से बात कर रहे थे, तब अधीक्षक ने मोबाइल छीनते हुए कहा कि सुबह से चार सौ ओपीडी हो चुकी है, जिस पर विधायक भड़क गए. विधायक ने इसे मजाक बताया और कहा कि कर्मचारियों का यह मेला नहीं है, बल्कि जनता का है.
यह वीडियो वायरल होने के बाद सीएमओ ने मामले का संज्ञान लिया और सीएचसी अधीक्षक उमेश सिंह को उनके पद से हटा दिया. सीएमओ ने बताया कि अधीक्षक बार-बार अपने कार्य में लापरवाही बरत रहे थे. उन्होंने बताया कि विधायक द्वारा अव्यवस्था की शिकायत के बाद उन्हें अधीक्षक पद से हटाने का निर्देश दिया गया था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई. फिलहाल उमेश सिंह को अधीक्षक पद से कार्यमुक्त कर दिया गया है.