छत्तीसगढ़ में बड़ा माओवादी आत्मसमर्पण, 103 नक्सलियों ने डाले हथियार, 49 नक्सलियों पर था इनाम

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में कल गुरुवार को एक ऐतिहासिक घटना घटी। 103 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। ये एक दिन में छत्तीसगढ़ के इतिहास का सबसे बड़ा माओवादी आत्मसमर्पण बताया जा रहा है। छ्त्तीसगढ़ में विजयादशमी के त्योहार पर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा में लौटने का फैसला किया है। इनमें से 49 नक्सलियों पर कुल 1.06 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। हथियार डालने वाले नक्सलियों में 22 महिलाएं भी शामिल हैं। एक ही दिन में वामपंथी उग्रवादियों का इतनी बड़ी संख्या में सामूहिक आत्मसमर्पण बताता है कि माओवादी संगठनों की जड़ें अब हिल चुकी हैं। यह सिर्फ आत्मसमर्पण नहीं, बल्कि हिंसा और भ्रम पर टिकी विचारधारा की निर्णायक हार है। नक्सलियों ने प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओइस्ट) की खोखली विचारधारा से मोहभंग, संगठन के भीतर मतभेदों और हाल ही में कई माओवादी नेताओं के सुरक्षाबलों के हाथों मारे जाने या आत्मसमर्पण करने की घटनाओं का हवाला देते हुए यह कदम उठाया। बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जीतेंद्र कुमार यादव ने कहा कि कई नक्सली नेता या तो सुरक्षाबलों द्वारा ढेर कर दिए गए हैं या उन्होंने खुद हथियार डाल दिए हैं, जिससे बाकी कैडरों में डर और निराशा फैल गई है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने बताया कि वे छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौट रहे हैं। सरकारी योजना और नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति ने उन्हें यह रास्ता चुनने के लिए प्रेरित किया। सरकारी योजनाओं के तहत नक्सल प्रभावित दूरस्थ गांवों में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी सुविधाएं मिल रही हैं।

गुरुवार को आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर बड़ा इनाम घोषित है। इनमें माओवादियों के डिवीजनल कमिटी सदस्य लछू पुनेम उर्फ संतोष (36 साल), प्लाटून पार्टी कमिटी सदस्य गुड्डू फरसा (30), भीमा सोढी (45), हिड़मे फरसा (26) और सुकमती ओयाम (27)। इन पर हर किसी के सिर पर 8 लाख रुपये का इनाम था। इसके अलावा, चार नक्सलियों पर 5 लाख, 15 पर 2 लाख, 10 पर 1 लाख, 12 पर 50 हजार और तीन पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित था।

सभी आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को तत्काल 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। सरकारी पुनर्वास नीति के तहत उन्हें नौकरी, शिक्षा और कौशल विकास का अवसर दिया जाएगा। इस साल बीजापुर जिले में अब तक 410 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जबकि 421 अन्य गिरफ्तार हो चुके हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *