केदारनाथ में रिकॉर्ड 16.56 लाख श्रद्धालु पहुंचे, कपाट बंद होने में 14 दिन बाकी

केदारनाथ यात्रा ने इस साल एक नया रिकॉर्ड बनाया है। कल बुधवार तक केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 16.56 लाख पहुंच गई है, जबकि मंदिर के कपाट बंद होने में अभी 14 दिन बाकी हैं। 2025 में अकेले बुधवार को 5,614 तीर्थयात्रियों ने केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना की। मंदिर के कपाट 23 अक्टूबर को भाई दूज के दिन बंद होंगे। 2024 में पूरे यात्रा सीजन के दौरान कुल 16,52,076 श्रद्धालु केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे थे। बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों में भी तीर्थयात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। बद्रीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को दोपहर 2:56 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। उत्तराखंड आपातकालीन परिचालन केंद्र की तरफ से जारी 8 अक्टूबर को जारी आंकड़ों के मुताबिक 4 मई से लेकर 7 अक्टूबर की शाम 7 बजे तक कुल 47 लाख 29 हजार 555 श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा की है। 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलने के साथ चार धाम यात्रा शुरू हुई। केदारनाथ धाम 2 मई को और उसके बाद 4 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले थे।
खराब मौसम और लगातार बारिश के कारण 1 से 5 सितंबर तक तीर्थयात्रियों का पंजीकरण और चारधाम यात्रा का संचालन रोक दिया गया था। इसे 6 सितंबर को फिर से शुरू किया गया। मानसून के मौसम में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन ने तीर्थयात्रा को बुरी तरह बाधित किया। गंगोत्री धाम के रास्ते में धराली का महत्वपूर्ण पड़ाव प्राकृतिक आपदाओं से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के कारण, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित करनी पड़ी। बारिश थमने के बाद भी यात्रा बहाल करना बड़ी चुनौती थी।
प्रशासनिक टीमों ने सामान्य स्थिति बहाल करने और यात्रा मार्गों को फिर से खोलने के लिए युद्धस्तर पर काम किया। गंगोत्री और यमुनोत्री, दोनों की तीर्थयात्राएं कड़े सुरक्षा उपायों के साथ फिर से शुरू हो गई हैं। अधिकारी श्रद्धालुओं से सतर्क रहने का आग्रह कर रहे हैं। तीर्थयात्रियों को बार-बार सलाह दी जा रही है कि वे खराब मौसम में यात्रा करने से बचें और यदि वे रास्ते में हैं तो सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।