करवा चौथ का व्रत कल, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और चांद निकलने का समय

कल 10 अक्टूबर को कार्तिक कृष्ण चतुर्थी पर करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा. इस दिन सुहागनें पति की लंबी आयु के लिए निर्जला उपवास रखेंगी. करवा चौथ पर शादीशुदा महिलाएं सुबह सरगी खाने के बाद व्रत का संकल्प लेती हैं और फिर दिनभर व्रती रहती हैं. दोपहर को पूजा-पाठ के बाद करवा चौथ की कथा सुनती. इसके बाद संध्याकाल के समय भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी के बाद करवा चौथ माता की विधिवत पूजा-अर्चना करती हैं. इस दिन शाम को चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है. करवा चौथ पर पूजा का शुभ समय शाम 5 बजकर 57 मिनट से प्रारंभ होकर 7 बजकर 11 मिनट तक बना रहेगा। वहीं चंद्रोदय का समय शाम 07 बजकर 42 मिनट पर माना जा रहा है।

करवा चौथ पर सुहागनें घंटों तक भूखी-प्यासी रहकर अपने सुहाग की रक्षा और दीर्घायु के लिए उपवास करती हैं. इस बार करवा चौथ के व्रत की कुल अवधि करीब साढ़े 14 घंटे की रहने वाली है. यह व्रत सुबह 06 बजकर 20 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 14 मिनट तक रहेगा. करवा चौथ पर सास अपनी बहू को सरगी देती है. इसमें कुछ पौष्टिक व्यंजन होते हैं. ताकि व्रत के लिए शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिल सके. सरगी की थाली में मिठाई, सेवईं, किशमिश, काजू, सेब, केले, नमकीन जैसी चीजें शामिल की जाती हैं. इस थाली को सास खुद अपने हाथों से तैयार करती हैं.

करवा चौथ के दिन रात्रि 8 बजकर 13 मिनट पर चन्द्रमा उदित होंगे। उस समय पहले चन्द्रमा की पूजा की आएगी और इसके बाद अर्घ्य दिया जाएगा।

चंद्रमा को अर्घ्य देते समय नीचे दिए मंत्रो का उच्चारण करें-

गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते।

गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥

करवा चौथ का व्रत कुछ चीजों के बगैर अधूरा होता है. करवा चौथ के व्रत में शुद्ध घी या सरसों के तेल, मिट्टी का दीपक, रोली, कुमकुम, अक्षत (चावल), चंदन, काजल, मिट्टी का करवा, पानी का लोटा या अर्घ्य पात्र, मिष्ठान, फल, मेवे, कर्पूर, शहद, धूप, पुष्प (लाल और पीले), कच्चा दूध, शक्कर, दही, लकड़ी की चौकी, पैसे, छन्नी, फल, फूल और मिठाई की आवश्यकता होती है.

करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को रखा जाता है. ऐसी मान्यताएं हैं कि इस दिन व्रत-उपासना और चंद्रमा को अर्घ्य देने से पति की आयु लंबी होती है. साथ ही, दांपत्य जीवन में मधुरता बढ़ती है. इसलिए सुहागनें हर साल इस व्रत को रखती हैं. करवा चौथ के व्रत का संकल्प सुबह-सुबह सरगी खाने के बाद लिया जाता है. इस बार करवा चौथ पर सरगी खाने का शुभ मुहू्र्त 10 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 40 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 30 मिनट तक रहने वाला है. सरगी के समय ब्रह्म मुहू्र्त भी रहने वाला है, जो कि बहुत उत्तम है.

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर की रात 10.54 बजे से लेकर 10 अक्टूबर को शाम 07.38 बजे तक रहने वाली है. .

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