आर्मी हाई अलर्ट पर… तबाही मचाने आ रहा चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’, अगले 48 घंटों में लेगा भयंकर रूप
भारत के तटीय क्षेत्रों पर एक बड़ा प्राकृतिक खतरा मंडरा रहा है। पूर्वी मध्य अरब सागर और दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी में बने दबाव के कारण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ तेजी से बढ़ रहा है। इस संभावित खतरे को देखते हुए भारतीय सेना, NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) को हाई अलर्ट पर रखा गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि यह साइक्लोन 110 किलोमीटर प्रति घंटे (110 Kmph) की रफ्तार से तबाही मचा सकता है। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में एक गहरा अवदाब बन चुका है। इसके अगले 48 घंटों में एक तीव्र चक्रवाती तूफान यानी ‘मोंथा’ में बदलने की आशंका है। यह चक्रवाती सिस्टम लगातार भारतीय तटों की ओर बढ़ रहा है। थाईलैंड द्वारा नामित इस तूफान के कारण तटीय राज्यों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि यह अक्टूबर महीने का दूसरा बड़ा चक्रवात होगा।
चक्रवात ‘मोंथा’ के 28 अक्टूबर की शाम या देर रात तक आंध्र प्रदेश तट से टकराने की आशंका है। इसके मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच, काकीनाडा के नजदीक लैंडफॉल करने की संभावना है। इस दौरान हवा की रफ्तार 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है, जो झोंकों में 110 Kmph तक भी जा सकती है। ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना की टुकड़ियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। साथ ही, NDRF और SDRF की कई टीमों को आंध्र प्रदेश और ओडिशा के संवेदनशील तटीय जिलों में तैनात किया गया है। ओडिशा सरकार ने तूफान से निपटने की तैयारियों के चलते सरकारी कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी है। आंध्र प्रदेश सरकार भी राहत और बचाव के लिए रणनीति तैयार कर चुकी है।
MDMA (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) और संबंधित राज्य सरकारें स्थिति पर कड़ी नजर रख रही हैं। आईएमडी ने एक आधिकारिक चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने कहा, “मछुआरों को सख्त हिदायत है कि वे 26 से 29 अक्टूबर तक समुद्र में बिल्कुल न जाएं।” तटीय इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकारों ने निचले इलाकों को खाली कराने की तैयारी शुरू कर दी है।
