CG : पूर्व CM भूपेश बोले- सरकार नहीं करना चाहती धान खरीदी, अब तक टोकन भी नहीं कटे

छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से धान खरीदी की शुरुआत होने जा रही है. प्रदेश के 27 लाख किसान अपना धान सोसाइटियों में बेचेंगे. धान खरीदी के दौरान बाहर से आने वाले धान को रोकने के लिए सरकार ने जहां सख्ती दिखाई है. वहीं किसानों को भी कई नए बदलावों से गुजरना पड़ रहा है, लेकिन बदलाव के बीच धान खरीदी पर संकट गहराता नजर आ रहा है. वहीं इसे लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. 15 नवंबर को अवकाश की वजह से सांकेतिक रूप से धान की खरीदी होगी. इसके बाद लगातार धान खरीदी की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. इस बार 27 लाख से अधिक किसानों ने धान खरीदी के लिए अपना पंजीयन कराया है. पिछले बार से 1 लाख 35 हजार अधिक किसानों ने अपना पंजीयन कराया है. इस बार धान खरीदी के लिए किसानों का पंजीयन एग्रीस्टेक पोर्टल में किया गया है. किसानों को धान खरीदी के लिए इस बार ऋण पुस्तिका लाने से भी राहत मिलेगी.

किसानों से पंजीयन के समय ही सभी जानकारी ले ली जाएगी. धान खरीदी के लिए आने के समय किसानों को ऋण पुस्तिका समेत अन्य जानकारी देने की आवश्यकता नहीं होगी. इसी तरह किसानों को टोकन के लिए भी भटकने की जरूरत नहीं होगी. किसान टोकन तुंहर हाथ ऐप के माध्यम से टोकन कटा सकेंगे. पिछली बार की तरह इस बार भी किसानों को तीन बार टोकन दिया जाएगा. तीन टोकन में किसान अपना 21 क्विंटल धान बेच सकेंगे. राज्य सरकार ने इस बार बाहर से आने वाले धान को रोकने के लिए भी सख्ती दिखाई है.अगर किसी वाहन में बाहर से धान लाए जाने की जानकारी मिलेगी. तो उसे राजसात कर लिया जाएगा.राज्य सरकार यूं तो धान खरीदी को लेकर बड़ी तैयारी कर रही है, हालांकि अब भी सोसाइटियों के कर्मचारियों का प्रदर्शन खत्म नहीं हो सका है.

सरकार ने 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू करने का निर्णय लिया है. धान खरीदी के मुद्दे पर अब सियासत भी खूब हो रही है. कांग्रेस एक बार फिर धान खरीदी में दिक्कतों का हवाला देते हुए दावा कर रही है कि सरकार धान ही नहीं खरीदना चाहती. इसे लेकर पूर्व CM भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार की कोई तैयारी नहीं है. पोर्टल ऑन नहीं हुआ है टोकन कट जाना था. कर्मचारी हड़ताल पर चल रहे है. 15 नवंबर को धान खरीदी मुश्किल दिखाई दे रहा है. किसानों की संख्या घट रहा है. सोसायटी को सरकार खत्म करना चाहती है. सोसायटी कर्मचारी के प्रदर्शन को समर्थन करते है. हमारी सरकार की नीति को सरकार लागू करें. सरकार धान खरीदी नहीं करना चाहती है. किसान परेशान है, आंदोलन भी करेंगे.

वहीं धान खरीदी और कांग्रेस के आरोपों पर डिप्टी CM अरूण साव ने कहा कि धान खरीदी समय पर शुरू होगी. व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही है. कोई भी परेशानी नहीं आएगी.

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