SIR की डेडलाइन 11 दिसंबर तक बढ़ी, छत्तीसगढ़ समेत 12 राज्यों में समय-सीमा बढ़ाई.. जाने नया शेड्यूल
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने 12 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में चल रहे SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन)के लिए संशोधित कार्यक्रम जारी किया है। आयोग ने पहले घोषित सभी तिथियों को एक हफ्ते बढ़ाकर नया शेड्यूल जारी किया है। इस विस्तार से मतदाताओं को वोटर लिस्ट में अपने नाम की सही जानकारी सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त समय मिल गया है, वहीं जमीनी स्तर पर काम कर रहे मतदान केंद्र अधिकारियों (BLOs) को भी बड़ी राहत मिली है। संशोधित कार्यक्रम के अनुसार, मतदाता सूची में नाम जोड़ने और मतदान केंद्रों की पुनर्व्यवस्था का काम अब 11 दिसंबर 2025 तक चलेगा। इस महत्वपूर्ण फैसले का असर देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर पड़ेगा, जिनमें वे राज्य भी शामिल हैं जहां निकट भविष्य में चुनाव होने हैं।
राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात और पश्चिम बंगाल।
अन्य क्षेत्र: केरल, गोवा, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पुडुचेरी।
आयोग का यह कदम वोटर लिस्ट को सटीक, अद्यतन और समावेशी बनाने के प्रयासों का हिस्सा है, जो कि किसी भी स्वस्थ लोकतंत्र के लिए आवश्यक है।
दावों, आपत्तियों और फॉर्म की गिनती के संबंध में चुनाव रिटर्निंग ऑफिसर (EROs) 7 फरवरी 2026 तक एक साथ काम पूरा करेंगे। इस विस्तार को जमीनी स्तर पर काम कर रहे बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) के लिए एक बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 4 दिसंबर की पिछली समय सीमा तक SIR फॉर्म जमा करने के भारी दबाव के चलते कई BLOs के तनावग्रस्त होने और संबंधित अप्रिय घटनाओं की खबरें सामने आई थीं। कई जिलों में अभी भी SIR फॉर्म का 50% काम भी पूरा नहीं हो पाया था। सरकार के इस फैसले से अधिकारियों को अब एक सप्ताह का अतिरिक्त समय मिल गया है, जिससे वे बिना अनावश्यक दबाव के गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित कर सकेंगे। साथ ही, जिन नागरिकों के दस्तावेज़ पूरे नहीं थे, उनके लिए भी यह एक स्वागत योग्य खबर है।
बदले हुए शेड्यूल में चुनाव आयोग ने कहा कि पोलिंग स्टेशनों को ठीक करने या फिर से व्यवस्थित करने का काम 11 दिसंबर तक पूरा हो जाना चाहिए। कंट्रोल टेबल को अपडेट करने और ड्राफ्ट रोल तैयार करने का काम 12 से 15 दिसंबर तक किया जाएगा। चुनाव आयोग के 16 दिसंबर को ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल पब्लिश करने के बाद, वोटर 15 जनवरी तक अपील या आपत्तियां दर्ज कर सकते हैं।
साथ ही, निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी को 16 दिसंबर से 7 फरवरी तक गणना फॉर्म पर फैसला लेने और दावों और आपत्तियों का निपटारा करने का निर्देश दिया गया है। इन प्रक्रियाओं का पालन करते हुए, चुनाव आयोग 12 फरवरी को सभी नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अंतिम मतदाता सूची पब्लिश करेगा।
