ईरान में इजरायली अटैक में 2 कश्मीरी छात्र घायल, 10 हजार भारतीयों के रेस्क्यू के लिए इंडिया चलाएगा अभियान

13 जून को ईरान के खिलाफ इजरायल के द्वारा ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ लॉन्च किए जाने के बाद दोनों देश लामबंद हैं. ईरान में 170 से ज्यादा जगहों और 720 सैन्य बुनियादी ढांचों को निशाना बनाते हुए इजरायल ने हमला किया. ईरान के टॉप अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों सहित 14 सीनियर अधिकारी मारे जा चुके हैं. ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए करीब 200 बैलिस्टिक मिसाइलों और 100 ड्रोनों से इजरायल को निशाना बनाया. इसके साथ ही तेल अवीव और यरुशलम सहित सैन्य और नागरिकों वाली जगहों पर पर हमले किए. अब तक दोनों देशों की तरफ से कई दौर के हमले किए जा चुके हैं. इज़रायल और ईरान के बीच संघर्ष रातों-रात तेज हो गया.
दोनों देशों के नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि लड़ाई जारी रहेगी. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लगातार हमले करने की कसम खाई है और ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) ने बड़ा जवाब देने का वादा किया है. ईरान ने कहा है कि जब तक इजरायल की तरफ से हमला जारी रहेगा, वह सीजफायर पर बात नहीं करेगा. इजरायली हमलों में ईरान में 224 से ज्यादा नागरिकों की मौत हो गई है.

वहीं, सोमवार सुबह ईरान ने सेंट्रल इजरायल को निशाना बनाते हुए मिसाइलें दागी. जिससे कई इमारतें सेकेंडों में जमींदोज हो गईं. इस हमले में 29 लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आ रही है. इजरायली स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इस हमले में घायल हुए 29 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जिनमें से 2 अन्य लोगों की हालत थोड़ी गंभीर है. घायलों में 10 वर्षीय बच्चा भी शामिल है. इजरायल से जंग के बीच ईरान में फंसे भारतीयों को सकुशल बाहर निकाला जाएगा. इसके लिए भारत सरकार ऑपरेशन शुरू करने जा रही है. ईरान सरकार ने भारतीयों सहित विदेशी नागरिकों को सुरक्षित उनके मुल्क भेजने पर सहमति जता दी है. ईरान में फिलहाल 10 हजार भारतीय हैं, जिनमें एक बड़ी संख्या भारतीय छात्रों की है, जो ईरान के विभिन्न मेडिकल और धार्मिक संस्थानों में पढ़ाई कर रहे थे. इन्हें अजरबैजान, तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान बॉर्डर के जरिए बाहर निकाला जाएगा. इजरायल से संघर्ष के बीच ईरानी राष्ट्रपति का बड़ा बयान सामने आया है. ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने सोमवार को कहा कि उनका परमाणु हथियार विकसित करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन उनका देश परमाणु एनर्जी और अनुसंधान के अपने अधिकार का पालन करेगा. उन्होंने सामूहिक विनाश के हथियारों के खिलाफ सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के धार्मिक फरमान को भी दोहराया है.

 

 

 

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