क्या इस 16 साल की लड़की का ईरान को लगा श्राप? जाने क्या है मासूम की कहानी…

इस्राइल और ईरान के बीच जंग जारी है। यह लड़ाई हर दिन खतरनाक रूप लेती जा रही है। ईरान और इस्राइल के बीच जारी जंग में अब अमेरिका भी खुलकर शामिल हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने ईरान की तीन बड़ी परमाणु साइट्स फोर्डो, नतांज और इस्फहान हमला किया है, जो पूरी तरह सफल रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि लड़ाकू विमानों ने फोर्डो को मुख्य रूप से निशाना बनाकर बमबारी की और अब सभी विमान सुरक्षित लौट चुके हैं। उन्होंने इस हमले को अमेरिका की सैन्य ताकत की मिसाल बताया और कहा कि अब शांति का समय है। अमेरिका ने ऐसे समय में यह हमला किया जब ईरान का परमाणु कार्यक्रम इस्राइल के लिए चिंता का कारण बना हुआ है। अमेरिका के ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद तेहरान भड़क गया है। बौखलाए ईरान ने इस्राइल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए 10 से अधिक शहरों पर मिसाइलों ने हमला किया, जिनमें राजधानी तेल अवीव और हाइफा जैसे शहर शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस जंग का अंत ईरान में सत्ता परिवर्तन के साथ हो सकता है। इस लड़ाई के बीच सोशल मीडिया पर एक पुरानी कहानी की खूब चर्चा हो रही है। यह एक 16 साल की लड़की आतेफा साहलेह की कहानी है। इस लड़की की कहानी ने वर्षों पहले लोगों को झकझोर कर रख दिया था। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि एक मासूम लड़की का ईरान को श्राप लगा है। आइए जानते हैं कि आखिर इस दावे की सच्चाई क्या है? रिपोर्ट्स के मुताबिक, 15 अगस्त 2004 को ईरान के नेका शहर में एक लड़की को सरेआम भीड़ के सामने घसीटा गया। एक मोबाइल क्रेन को अस्थायी फांसी के फंदे में बदल दिया गया है। वहीं पर 16 साल की आतेफा साहलेह को ‘चरित्रहीनता’ के आरोप में फांसी दे दी गई थी।
ईरान की नैतिक पुलिस ने कहा थि आतेफा का एक पुरुष के साथ यौन संबंध था, जिसके आरोप में उसे सजा-ए-मौत सुनाई गई। इसे तेहरान की अपीली अदालत ने भी मंजूरी दे दी। एक सड़क हादसे में आतेफा की मां की मृत्यू हो गई थी, जिसके उसके पिता को नशे की लत लग गई। वह अपने दादा-दादी के साथ रहती थी। वह खाना बनाना और घर संभालना सब कुछ करती थी, लेकिन भावनात्मक रूप से वह अकेली थी। एक मनोवैज्ञानिक रिपोर्ट में बताया गया कि वह स्नेह और अपनापन की खोज में थी।