CG : तीन माह का राशन वितरण एक साथ, 65 फीसदी लोगों को बंटा, 20 जुलाई तक बढ़ने की संभावना

छत्तीसगढ़ में राशन कार्डधारियों को तीन माह का चावल एकमुश्त देने की योजना की अवधि 20 जुलाई तक बढ़ने की संभावना है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार केंद्र से इसकी अनुमति मिल जाएगी। अब केंद्र में तारीख बढ़ाने की सहमति लगभग बन गई है। राज्य में राशन दुकानों को नई पीओएस मशीनें दे दी गई हैं, लेकिन इसमें पेंच ये हैं कि अंगूठे से काम नहीं चल रहा है, तीन माह के चावल के लिए 6 बार ओटीपी की जरूरत होने से ग्राहकों को परेशानी हो रही है। फिलहाल इसका कोई हल नहीं निकला है। राज्य की खाद्य सचिव रीना बाबा साहेब कंगाले ने तीन माह का राशन एक साथ राशन कार्ड धारियों को देने की अवधि 20 जुलाई तक बढ़ाने के संबंध में केंद्र सरकार के अधिकारी को पत्र भेजा था। उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें, तो यह अवधि बढ़ाने पर सहमति बन रही है। वजह ये है कि देश के कई राज्य में तय अवधि तक चावल बंट पाना मुश्किल हो गया है। हालांकि छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों से बेहतर है, क्योंकि यहां अब तक 65 प्रतिशत चावल बंट चुका है। लिहाजा ग्राहकों को अब इस बात के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि तारीख बढ़ने के बाद सभी को राशन मिल जाएगा।

चावल बांटने के मामले में दरअसल परेशानी इस बात को लेकर आई थी कि यूआईडीएआई ने राशन दुकानों की फिंगर प्रिंट मशीन को 31 मई को (अनियमित) डिस्कंटीन्यू कर दिया था। इसके बाद अब सभी राशन दुकानों को नई ई पीओएस मशीन दी गई है। लेकिन इन मशीनों से भी समस्याएं सामने आ रही है। इसकी वजह से ग्राहकों को राशन लेने में काफी समय लग रहा है। कई जगहों पर तो लोग सुबह से राशन लेने की लाइन लगाते हैं और शाम तक इंतजार करते रहते हैं।

बताया गया है कि पहले वाली मशीन में ग्राहक का अंगूठा लगाने से भी काम बन जाता था। लेकिन नई मशीन में ओटीपी के बिना राशन नहीं मिल पा रहा है। हालत ये है कि तीन माह का राशन लेने के लिए 6 बार ओटीपी आना जरूरी है। राज्य के दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट नेटवर्क की कमजोरी के कारण ओटीपी समय पर नहीं आ रहा है। ये शिकायतें भी हैं कि मशीन अचानक बंद हो जाती है।

गरियाबंद जिले में हाल ही में ये घटना सामने आई थी जब बड़ी संख्या में हितग्राही अपनी बारी के इंतजार में परेशान हो गए और वे लोग दरवाजा तोड़कर दुकान में जा घुसे थे। इस मामले को सरकार ने भी गंभीरता से लिया था। एक दिन पहले ही सरकार के खाद्य मंत्री दयालदास बघेल गरियाबंद की स्थिति का जायजा लेने गए थे। सूत्रों के अनुसार उन्होंने वहां माना कि सर्वर की तकनीकी समस्याएं, ओटीपी और फिंगर प्रिंट में मिलान में दिक्कत है। इसकी वजह से तीन माह का राशन एक साथ बांटने में असुविधा हो रही है।

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