ऑपरेशन महादेव में मारे गए आतंकियों के पास अमेरिकी असॉल्ट राइफल और खतरनाक हथियार

जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन महादेव के तहत भारतीय सेना ने आज एक बड़ी कामयाबी हासिल की. श्रीनगर के लिडवास इलाके में हुई मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मार गिराया गया, जिनमें पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा भी शामिल था. लेकिन इस ऑपरेशन की खास बात ये रही कि आतंकियों के पास से जो हथियार मिले, वे उनकी खतरनाक साजिशों का खुलासा करते हैं. जब सेना ने मुठभेड़ के बाद आतंकियों के शव और उनके ठिकाने की तलाशी ली, तो वहां से कई खतरनाक हथियार मिले.
इनमें शामिल हैं
AK-47 राइफल: ये सबसे आम लेकिन खतरनाक हथियार है, जो आतंकी अक्सर इस्तेमाल करते हैं. इसकी रेंज 300 मीटर तक है. एक मिनट में 600 गोलियां चला सकती है. पहलगाम हमले में भी ये हथियार इस्तेमाल हुआ था, जो हाशिम मूसा के पास से मिला.
M4 कार्बाइन: ये अमेरिकी सेना का हल्का और सटीक हथियार है, जो 500 मीटर तक निशाना लगा सकता है. आतंकियों के पास से दो M4 कार्बाइन मिले, जो पाकिस्तान से आए थे.
हैंड ग्रेनेड: इन बमों को हाथ से फेंका जाता है. ये 15-20 मीटर के दायरे में तबाही मचा सकते हैं. मुठभेड़ में चार ग्रेनेड बरामद हुए, जो आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फेंकने की तैयारी में थे.
IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस): ये घरेलू बम हैं, जो सड़कों या जंगलों में छिपाकर विस्फोट किए जाते हैं. दो IED मिले, जो शायद और हमलों के लिए तैयार किए गए थे. इन्हें रोबोट से निष्क्रिय किया गया.
सैटेलाइट फोन: ये हथियार नहीं, लेकिन हथियार जितना खतरनाक है. इससे आतंकी पाकिस्तान और ISI से संपर्क करते थे. एक सैटेलाइट फोन हाशिम मूसा के पास से मिला, जिसमें कई कॉल डिटेल्स थीं.
चाकू और खंजर: आतंकियों के पास छोटे हथियार जैसे चाकू और खंजर भी थे, जो नजदीकी हमले के लिए इस्तेमाल होते हैं. ये हथियार पहलगाम में पर्यटकों पर हमले के सबूत हैं.
सेना को शक है कि ये हथियार पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ के जरिए लाए गए. AK-47 और M4 कार्बाइन जैसे हथियार वहां की सेना और ISI के स्टॉक से निकाले गए होंगे. IED और ग्रेनेड बनाने के लिए विस्फोटक सामग्री भी वहां से सप्लाई हुई होगी. सैटेलाइट फोन से पता चला कि आतंकी अपने हैंडलर से लगातार संपर्क में थे, जो कश्मीर में और हमले की साजिश रच रहे थे.
इस बरामदगी ने एक बार फिर पाकिस्तान के आतंकवाद के प्रति दोहरे चरित्र को उजागर किया है. कुछ दिन पहले, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में अफगानिस्तान में छोड़े गए हथियारों पर चिंता व्यक्त की थी. पाकिस्तान ने शिकायत की थी कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना द्वारा छोड़े गए हथियार आतंकवादियों द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल किए जा रहे हैं. अब बरामद किए गए समान हथियारों की बरामदगी से पता चलता है कि ISI और पाकिस्तानी सेना ने इन हथियारों को खरीदा और अपने आतंकवादियों को सौंप दिया. ये हथियार अब जम्मू और कश्मीर में बरामद हो रहे हैं.