गंगा-यमुना उफान पर, कई गांव जलमग्न, लोग पलायन को मजबूर.. यूपी से राजस्थान तक बाढ़ से हालात गंभीर

उत्तर भारत के कई राज्यों में बाढ़ का कहर जारी है गांवों में पानी घुस गया है और सड़कों पर जलभराव हो गया है. कई लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित जगहों की ओर पलायन करना पड़ रहा है. प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है. लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है.
उधम सिंह नगर की कई प्रमुख नदियां, जिनमें रेबड़ा भी शामिल है, सामान्य जलस्तर से ऊपर बह रही हैं. इससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. बाजपुर क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित है. यहां लोगों के घरों में पानी घुस चुका है और नैनीताल जाने वाला मुख्य मार्ग अवरुद्ध हो गया है बारिश के दौरान एक 11 वर्षीय बच्चे की डूबने से मौत हो गई. पुलिस, SDRF और स्वयंसेवकों की टीमें प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगी हुई हैं. अस्थायी शिविरों और भोजन की भी व्यवस्था की गई है. लगातार बारिश और बढ़ते जलस्तर की वजह से राहत कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं. प्रशासन ने लोगों से सावधान रहने और अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की अपील की है. साथ ही नुकसान का आकलन कर दीर्घकालिक योजनाएं बनाने की जरूरत बताई गई है.
कानपुर के रामगोपाल चौराहे से आनंद साउथ सिटी तक की सड़क लंबे समय से टूटी पड़ी है. बरसात में इसमें पानी भर जाता है और आए दिन लोग गिरते हैं. शिकायतों के बावजूद प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की.टूटी सड़क और जलभराव को लेकर समाजवादी पार्टी के पार्षद अर्पित ने कार्यकर्ताओं के साथ सड़क में धान रोपकर विरोध जताया. कुछ दिन पहले एक लड़की गिर गई थी और उसके पिता ने पानी में लेटकर विरोध किया था.गारापुर-झूंसी मार्ग पूरी तरह डूब चुका है. बदरा, सोनौटी, ढोलबजवा और पुरवा गांवों का संपर्क प्रयागराज से कट गया है. वाहन नहीं चल पा रहे, लोग नाव से साइकिल, बाइक पार करा रहे हैं. बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. बिजली कटी हुई है. राशन, दूध और दवाएं भी नाव से पहुंचाई जा रही हैं. किसी के बीमार पड़ने पर भी नाव से सड़क पार कर अस्पताल जाना पड़ रहा है.
छोटा बघाड़ा क्षेत्र में बाढ़ का पानी गलियों में भर चुका है. लोग कमर तक पानी में चलकर अपने घरों का सामान बचा रहे हैं. मंदिर, गाड़ियां और मकान डूब चुके हैं.