TMC सांसद बनर्जी का लोकसभा चीफ व्हीप पद से इस्तीफा, महुआ मोइत्रा से विवाद के बीच कदम उठाया

तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद कल्याण बनर्जी ने लोकसभा में पार्टी के चीफ व्हीप पद से इस्तीफा दे दिया। आरोप लगाया कि उन्हें सांसदों के बीच खराब समन्वय के लिए गलत तरीके से दोषी ठहराया जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी सांसद महुआ मोइत्रा पर सार्वजनिक तौर पर उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का भी आरोप लगाया। कल्याण के इस्तीफे के बाद पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी नए व्हीप चुने गए। कल्याण और कृष्णा नगर से सांसद महुआ के बीच बीते कुछ समय से खींचतान चल रही है, जो अब संसद तक पहुंच गई है। बीते दिनों एक मीडिया हाउस के पॉडकास्ट में महुआ ने कल्याण की तुलना सुअर से की। इसके बाद TMC चीफ CM ममता बनर्जी ने संसदीय दल की वर्चुअल मीटिंग की और पार्टी सांसदों से संयमित व्यवहार करने को कहा था। अब कल्याण के इस्तीफे के कारण संसदीय दल में अव्यवस्था की लेकर पार्टी की चिंता बढ़ गई है।

कल्याण बनर्जी की सोशल मीडिया पोस्ट किया – मैंने महुआ के एक पॉडकास्ट में की गई व्यक्तिगत टिप्पणियों को सुना। उनके शब्दों का चयन, जिसमें एक साथी सांसद की तुलना सुअर से करने जैसी अमानवीय भाषा भी शामिल है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। जो लोग सोचते हैं कि गाली-गलौज, सार की जगह ले सकती है, उन्हें अपनी राजनीति पर गौर करना चाहिए। यह किस तरह के खोखलेपन को उजागर करती है। जब कोई जनप्रतिनिधि गाली-गलौज और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है तो यह उसकी ताकत नहीं, बल्कि असुरक्षा को दर्शाता है। मैं यह स्पष्ट रूप से कह दूं कि मैंने सार्वजनिक जवाबदेही और व्यक्तिगत आचरण के सवालों पर बात की, जिनका सामना करने के लिए हर सार्वजनिक व्यक्ति को तैयार रहना चाहिए- चाहे वह पुरुष हो या महिला।

अगर ये तथ्य असहज करने वाले हैं तो जांच से बचने के लिए जायज आलोचना को महिला से नफरत करने वाला करार देना उचित नहीं है। किसी पुरुष सहकर्मी को यौन रूप से कुंठित कहना साहस नहीं है, यह सरासर गाली है। अगर ऐसी भाषा किसी महिला के लिए इस्तेमाल की जाती तो देशभर में आक्रोश फैल जाता, जो सही भी है।
लेकिन जब कोई पुरुष निशाना बनता है तो उसे या तो नजरअंदाज कर दिया जाता है या फिर उसकी सराहना की जाती है। एक बात साफ है- गाली-गलौज तो गाली-गलौज ही होती है- चाहे उसका लिंग कुछ भी हो। ऐसी टिप्पणियां न सिर्फ अभद्र हैं, बल्कि वे एक जहरीले दोहरे मानदंड को भी मजबूत करती हैं, जहां पुरुषों से चुपचाप सहने की उम्मीद की जाती है, जो भूमिकाएं बदलने पर कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

संसदीय दल के चीफ व्हिप से इस्तीफे के बाद कल्याण बनर्जी ने कहा- ‘दीदी कहती हैं कि सांसद झगड़ रहे हैं। क्या मुझे उन लोगों को बर्दाश्त करना चाहिए जो मुझे गाली देते हैं? मैंने पार्टी नेतृत्व को सूचित किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा मुझे ही दोषी ठहराया जा रहा है। दीदी को पार्टी अपने तरीके से चलाने दीजिए। मैं इतना परेशान हूं कि राजनीति छोड़ने के बारे में भी सोच रहा हूं।’

 

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