नोएडा में फर्जी थाना खोलने का रैकेट फूटा, मास्टरमाइंड बिबास चंद्र अधिकारी पर CBI-ED की सख्त जांच

नोएडा में ‘इंटरनेशनल पुलिस एंड क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो’ के नाम से फर्जी ऑफिस खोलकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के तार पश्चिम बंगाल के एक आश्रम से जुड़े हुए हैं। इस मामले में पहले भी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की थी और जांच अभी भी जारी है। जानकारी के अनुसार, नकली पुलिस थाना चलाने के आरोप में गिरफ्तार छह आरोपियों के मास्टरमाइंड बिबास चंद्र अधिकारी का संबंध पश्चिम बंगाल के कृष्णपुर में एक आश्रम संचालक से है। अप्रैल 2023 में सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के कुछ ठिकानों पर छापेमारी की थी, जो बीएड और डीएलएड कॉलेजों में भ्रष्टाचार और भर्ती के रैकेट से जुड़ी थी। फरवरी 2024 में बिबास का बयान दर्ज किया गया था। पुलिस के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय ने अक्टूबर 2022 में बीएड और डीएलएड कॉलेजों में प्रवेश दिलाने और नौकरी का वादा कर पैसे लेने के रैकेट की जांच की थी, और एक फ्लैट भी सील किया था। इसके बाद बिबास और उसके साथी पश्चिम बंगाल से नोएडा आए। पुलिस आरोपियों की कुंडली और अन्य विवरण खंगाल रही है। जांच में यह भी पता चला है कि बिबास के बेटे और ड्राइवर पर पश्चिम बंगाल के रांपुर हाट थाने में मुकदमा दर्ज है, क्योंकि वे अपनी कार पर इंटरपोल पुलिस का स्टिकर लगाकर घूम रहे थे। इसके अलावा, बिबास चंद्र अधिकारी ने पश्चिम बंगाल में सियासी पारी भी शुरू की थी। वे पहले नलहाटी-दो से तृणमूल कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष थे, लेकिन बाद में इस्तीफा दे दिया। अप्रैल 2023 में उन्होंने कई बीएड और डीएलएड कॉलेज संचालकों के साथ मिलकर ऑल इंडिया आर्य महासभा का गठन किया, इसके बाद ‘आर्य समाज’ नामक पार्टी भी बनाई।
पुलिस के अनुसार, नोएडा में कार्यालय खोलने का मकसद संपत्ति विवादों और कोर्ट केसों का फायदा उठाना था। यहां की पढ़ी-लिखी आबादी, ग्रामीण और संपत्ति की ऊंची कीमतों को ध्यान में रखकर उन्होंने ‘नेशनल ब्यूरो ऑफ सोशल इन्वेस्टिगेशन’ और ‘सोशल जस्टिस’ के लेटरहेड पर नकली सम्मन भेजकर दबाव बनाना शुरू किया। पुलिस उपायुक्त शक्तिमोहन अवस्थी ने बताया कि रविवार को पुलिस ने इस फर्जी कार्यालय से छह आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनके कब्जे से कई कूट रचित दस्तावेज बरामद हुए। मामले में पुलिस गहन जांच कर रही है। आरोपियों से कई खुफिया एजेंसियों ने भी पूछताछ की है। पुलिस को आशंका है कि इनके तार देशद्रोही ताकतों से जुड़े हो सकते हैं।
हाल ही में नोएडा पुलिस ने अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की जांच तेज की है। कई बांग्लादेशी नागरिक जो फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर भारतीय होने का दावा कर नोएडा में रह रहे थे, वे पलायन कर गए हैं। नोएडा की विभिन्न सोसाइटियों में काम करने वाली घरेलू सहायिकाएं और निर्माण कार्य में लगे मजदूर भी लापता हो रहे हैं। ऐसे माहौल में पश्चिम बंगाल से जुड़े लोगों द्वारा फर्जी थाना खोलने की घटना ने पुलिस को चौकन्ना कर दिया है और जांच के कई पहलुओं पर काम किया जा रहा है।