कुत्तों के पास होती हैं दो नाक? सूघने की क्षमता होती है जबर्दस्त

कुत्तों की सूंघने की क्षमता इतनी जबर्दस्त होती है कि अक्सर लोग मजाक में कहते हैं कि कुत्तों के पास एक नहीं दो नाक होती हैं. लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि ये मजाक नहीं है बल्कि सच है तो आपको शायद यकीन न हो. विज्ञान बताता है कि कुत्तों की एक नाक तो हम सब लोगों को दिखाई देती है, जबकि दूसरी नाक भी इसके एकदम नजदीक ही होती है, जो हम और आप लोगों को दिखाई भले नहीं देती लेकिन यही वो नाक है, जिसकी वजह से कुत्ता इंसानों से एक लाख गुना ज्यादा बेहतर तरीके से सूंघ सकता है. वहीं कुछ नस्लें ऐसी होती हैं जिनकी क्षमता 10 हजार करोड़ गुना तक भी हो सकती है. साइंस के मुताबिक कुत्तों में मुंह के ऊपर बाहर से दिखाई देने वाली नाक के अलावा वोमेरोनसाल अंग भी होता है जिसे जैकब्सन का हिस्सा भी कह सकते हैं. यही कुत्तों की दूसरी नाक कहलाती है जो सामान्य नाक के मुकाबले बहुत ज्यादा संवेदनशील होती है. वोमेरोनसाल ऑर्गन एक खास प्रकार की सूंघने वाली संरचना होती है जो फेरोमोन और कुछ खास कैमिकलों को पहचानने में मदद करती है. इसी के सहारे कुत्ते किसी भी प्रकार की गंध को दूर से पहचान लेते हैं. यहां तक कि बहुत दिनों पहले घटी घटना की गंध को भी वे आसानी से पहचान लेते हैं. सूंघने से डॉग्स की यह दूसरी नाक उनके सामाजिक व्यवहार और बच्चे पैदा करने से जुड़े कामों में भी बहुत अहम भूमिका निभाती है.
कुत्तों की दूसरी नाक यानि वोमेरोनसाल ऑर्गन बाहर से दिखाई नहीं देता क्योंकि यह नाक की हड्डी (नाक की बीच की दीवार) के नीचे और मुंह की छत के ठीक ऊपर स्थित होता है. यह वोमर हड्डी और नासिका गुहा यानि नेजल कैविटी के बीच में होता है. ऐसे में जब कुत्ते जमीन या किसी चीज पर मुंह और नाक लगाकर सूंघते हैं तो यह अंग अत्यधिक तीव्रता से उसकी पहचान कर लेता है. इसमें दो ट्यूब जैसी थैलियां लगी होती हैं जिनके अंदर खास तरह की सूंघने वाली परत लगी होती है. यह मुंह की गुहा यानि माउथ कैविटी से जुड़ा होता है. इसकी छोटी-छोटी नलिकाएं ऊपरी आगे के दांतों के पीछे एक छोटे उभार के पास खुलती हैं. इस ऑर्गन को मुख्य रूप से वोमेरोनसाल तंत्रिका (जो सूंघने वाली प्रणाली का हिस्सा है) और कुछ हद तक ट्राइजेमिनल तंत्रिका से सिग्नल मिलते हैं.