एक शख्‍स की 10 पत्नियां, 98 बच्‍चे और 568 पोते-पोती, परिवार में 700 से अधिक सदस्‍य यह है दुनिया का सबसे बड़ा परिवार…देंखे विडियो

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एक शख्‍स की 10 पत्नियां, 98 बच्‍चे और 568 पोते-पोती हैं. परिवार में 700 से अधिक सदस्‍य हैं. कहा जा रहा है कि यह परिवार दुनिया का सबसे बड़ा परिवार है. Afrimax English ने हाल में इस परिवार से मुलाकात की. परिवार के मुखिया 67 साल के मूसा हसादजी हैं, वह अफ्रीकी देश यूगांडा के बुटालेजा डिस्ट्रिक्‍ट में रहते हैं.

मूसा ने बताया कि उनकी दस पत्नियां हैं और सभी आपस में मिलकर एक साथ एक ही घर में रहती हैं. दस महिलाओं से उनके 98 बच्‍चे हैं. इन बच्‍चों से उनके 568 पोते-पोतियां हैं. मूसा ने बहुविवाह को भगवान का आशीर्वाद करार दिया. उन्‍होंने दावा किया कि इतनी पत्नियों वाले वह यूगांडा के इकलौते पति होंगे.

मूसा से जब पूछा गया कि क्‍या वह सभी बच्‍चों और पोते-पोतियों के नाम जानते हैं? इस पर उन्‍होंने कहा कि वह उनमें अंतर तो कर लेते हैं, पर सभी के नाम याद नहीं हैं.

मूसा ने कहा कि जब वह 17 साल के थे तो उनके पहले बच्‍चे का जन्‍म हुआ था. मूसा के कई बच्‍चे शादीशुदा हैं, कई ऐसे हैं जो पढ़ रहे हैं.

मूसा ने अपने बच्‍चों के लिए भी घर के पास ही झोपड़ियां बनवाई हैं. मूसा की सबसे बड़ी पत्‍नी हनीफा हसादजी हैं, सबसे छोटी पत्‍नी काकाजी हैं. काकाजी की उम्र तो मूसा के कई पोते-पोती की उम्र से भी कम है. मूसा कहते हैं दस शादियों तक उनका सिलसिला जारी रहा, लेकिन अब उनका नई शादी करने का कोई इरादा नहीं है.

और शादी कर लें तो दिक्‍कत नहीं
मूसा की सबसे छोटी पत्नी काकाजी ने कहा कि अगर उनके पति और भी शादी कर लेते हैं तो उन्‍हें कोई दिक्‍कत नहीं होगी, क्‍योंकि वह हमारा पूरा ध्‍यान रखते हैं. मूसा की सभी पत्नियां खाना तो अलग-अलग बनाती हैं पर सभी लोग एक ही घर में रहते हैं. मूसा की ये पत्नियां यूगांडा के अलग-अलग हिस्‍सों से आई हैं.

यूगांडा में पत्‍नी को देना होता है दहेज
मूसा ने जब पहली शादी की तो पत्‍नी को दहेज के तौर पर तीन गाय और चार बकरियां दीं. दूसरी पत्‍नी से शादी करने के एवज में भी इतना ही दहेज दिया. मूसा ने कहा दो शादियां करने के बाद उन्‍हें अहसास हुआ कि उनकी गाय और बकरियां तेजी से खत्‍म हो रही हैं. इसके बाद अगली शादियों में उन्‍होंने दहेज के तौर पर दो गायें देनी शुरू कर दीं.

एक दौर में परिवार पर आया संकट
मूसा ने बताया कि जब उनके 30 बच्‍चे हो चुके थे तो वह साल बेहद संकट भरा रहा, जो फसल लगाई उसकी ठीक से पैदावार नहीं हो सकी. बिजनेस भी फेल हुआ और परिवार में खाने-पीने के लाले पड़ गए. हालांकि, संकट का यह दौर गुजर गया और परिवार फिर से वापस ट्रैक पर आ गया.

फर्श से अर्श तक का सफर किया पूरा
मूसा ने बताया कि जिस परिवार में उनका जन्‍म हुआ था, उसमें केवल दो ही सदस्‍य थे. परिवार की इनकम कम थी, इस कारण स्‍कूल भी बीच में ही छोड़ना पड़ा. पहली शादी के बाद मूसा ने बाजरा बेचने का बिजनेस शुरू किया. शुरुआत में वह बाजारा को गुलु नाम के स्‍टेशन से ट्रेन से कंपाला ले जाते थे.

मूसा का यह बिजनेस सफल होता गया, इसके बाद उन्‍होंने गायें खरीदीं. ऐसे में उनकी पहचान उनके इलाके में सफल व्‍यक्ति के तौर पर बन गई. मूसा ने फिर दूसरी महिलाओं से शादी कीं. इन महिलाओं के परिवार वाले भी उनका रसूख देखकर मना नहीं कर पाते थे.

मूसा ने आगे कहा कि इसके बाद उन्‍होंने मटन और चिकन का बिजनेस भी शुरू किया. फिर एक समय वह आया जब उनके पास सैकड़ों बकरियां हो गईं. मूसा ने कहा कि उन्‍होंने जीरो से शुरुआत की थी, उनकी मेहनत रंग लाई और वह एक सफल बिजनेसमैन बन गए. मूसा की कई एकड़ जमीन है, जहां वह कई फसलें उगाते हैं.