अफगानिस्तान का पाकिस्तान को पानी देने से इनकार, कुनार नदी पर डैम बनाने की तैयारी

भारत के बाद अब अफगानिस्तान भी पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी को रोकने के लिए डैम बनाने की तैयारी कर रहा है। अफगान सूचना मंत्रालय ने गुरुवार को X पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। सूचना मंत्रालय ने बताया कि तालिबान के सर्वोच्च नेता मावलवी हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने कुनार नदी पर जल्द से जल्द बांध बनाने का आदेश दिया है। मंत्रालय के उपमंत्री मुहाजिर फराही ने गुरुवार को बताया कि पानी और ऊर्जा मंत्रालय को घरेलू कंपनियों को ठेका देकर बांध निर्माण जल्दी शुरू करने को कहा गया है। विदेशी कंपनियों का इंतजार नहीं करना है। अफगानिस्तान ने यह फैसला हाल में हुए संघर्ष के बाद लिया है। 9 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक चले झड़पों में अफगानिस्तान के 37 नागरिक मारे गए और 425 घायल हुए थे। वहीं, भारत ने भी पहलगाम आतंकी हमले के बाद 23 अप्रैल को सिंधु जल संधि को स्थगित कर पाकिस्तान की ओर जाने वाला पानी रोक दिया था। 480 किलोमीटर लंबी कुनार नदी अफगानिस्तान से निकलकर पाकिस्तान में चितराल नदी बनकर काबुल नदी में मिलती है। कुनार नदी का 70-80% पानी पाकिस्तान में आता है। यह काबुल नदी फिर सिंधु नदी में शामिल होती है। अगर अफगानिस्तान बांध बनाकर कुनार का पानी रोकता है, तो पाकिस्तान को गंभीर नुकसान होगा।

इसका सीधा असर खैबर पख्तूनख्वा (KPK) पर पड़ेगा। इसके बाजौर, मोहम्मद जैसे इलाकों में खेती पूरी तरह इसी नदी पर निर्भर है। सिंचाई बंद होने से फसलें बर्बाद होने का खतरा बढ़ जाएगा। इसके अलावा, पानी रोकने से पाकिस्तान के चितराल जिले में कुनार नदी पर चल रहे 20 से ज्यादा छोटे हाइडल प्रोजेक्ट प्रभावित होंगे। ये सभी प्रोजेक्ट रन-ऑफ-रिवर हैं, यानी यह सीधे नदी के बहाव से बिजली बनाते हैं। इससे पहले तालिबान के जल और ऊर्जा मंत्रालय के प्रवक्ता मतीउल्लाह आबिद ने बताया था कि इस डैम का सर्वे और डिजाइन तैयार हो चुका है।

तालिबान सरकार का दावा है कि यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाता है तो इससे 45 मेगावाट बिजली पैदा होगी और लगभग 1.5 लाख एकड़ खेती को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। इससे अफगानिस्तान में ऊर्जा संकट और खाद्य सुरक्षा में सुधार होगा। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच काबुल नदी और इसकी सहायक नदियों के जल बंटवारे को लेकर कोई औपचारिक द्विपक्षीय समझौता नहीं है।

पाकिस्तान पहले भी अफगानिस्तान की डैम परियोजनाओं पर चिंता जता चुका है, क्योंकि इससे उसके इलाके में आने वाली जल की आपूर्ति कम हो सकती है। पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच संघर्ष 9 अक्टूबर को शुरू हुआ था। पाकिस्तान ने काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों पर हमले किए। इसके बाद अफगान ने पाकिस्तान को सीमा विवाद और हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार ठहराया।

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