आज़म ख़ान की रिहाई में अड़चन, बेल बॉन्ड में ग़लत एड्रेस की वजह से फंस गया मामला, 15 गाड़ियों का चालान कटा

23 महीने से जेल में बंद सपा नेता आजम खान की रिहाई आखिरी वक्त पर अटक गई। आज मंगलवार सुबह 9 बजे उनकी रिहाई होनी थी। बेटे अदीब समर्थकों के साथ उन्हें लेने के लिए सीतापुर जेल के बाहर पहुंचे। हालांकि, कागजी कार्रवाई के दौरान नया पेंच सामने आ गया। आजम पर रामपुर कोर्ट में एक केस चल रहा, उसमें 6 हजार रुपए के जुर्माने के आदेश हुए, लेकिन उन्होंने जुर्माना नहीं भरा था, इसलिए उनकी रिहाई रोक दी गई। हालांकि, 10 बजे रामपुर कोर्ट खुलते ही जुर्माने की रकम जमा कर दी गई। वहां से ईमेल के जरिए सूचना जेल भेज दी गई। यानी, सब कुछ ठीक रहा तो दोपहर 12 से 2 के बीच आजम की रिहाई हो जाएगी। बेटे अदीब ने कहा- आज के हीरो आजम साहब हैं। जानकारी सामने आ रही है कि आज़म ख़ान की रिहाई में कुछ देरी हो सकती है. रिहाई बॉन्ड भरते वक्त गलत एड्रेस की वजह से प्रक्रिया में अड़चन आई है. अब करेक्शन के बाद बॉन्ड भरा जाएगा, उसके बाद ही रिहाई मुमकिन हो पाएगी.

मुरादाबाद सांसद रुचि वीरा भी जेल पहुंची हैं। आजम के बसपा में जाने की अटकलों पर उन्होंने कहा- आजम साहब ने सपा को खून-पसीने से सींचा है। जितना जुल्म उनपर हुआ, उतना किसी पर नहीं हुआ। आजम के खिलाफ 104 मुकदमे दर्ज हैं। 5 दिन पहले हाईकोर्ट ने उन्हें बार पर कब्जे से जुड़े मुकदमे में जमानत दी थी। तभी पुलिस ने शत्रु संपत्ति मामले में नई धाराएं जोड़ दी थीं। 20 सितंबर को रामपुर कोर्ट ने इन धाराओं को खारिज कर दिया, जिससे रिहाई का रास्ता साफ हो गया। यह आखिरी मुकदमा था, जिस पर आजम को जमानत मिलनी बाकी थी।

आजम खान को डूंगरपुर प्रकरण में 10 साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन उन्हें इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. हाई कोर्ट के आदेश और 19 मुकदमों की जमानतें उन्होंने एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में दाखिल की थीं. कोर्ट ने जमानतियों का सत्यापन करने का आदेश दिया था, जिसकी रिपोर्ट सोमवार को पुलिस और राजस्व प्रशासन ने कोर्ट में जमा कर दी थी.सोमवार शाम को लूट, डकैती और धोखाधड़ी से जुड़े 19 मामलों में भी रिहाई परवाने जारी हो गए, जिसके बाद सभी 72 मामलों में उनके बाहर आने का रास्ता खुल गया है. समाजवादी पार्टी के समर्थकों ने आजम खान की रिहाई का काउंटडाउन शुरू कर दिया है.

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के रामपुर से जुड़ा आजम खान का चर्चित क्वालिटी बार प्रकरण लंबे समय से विवादों में है. आरोप है कि 2013 में मंत्री रहते हुए उन्होंने सिविल लाइंस क्षेत्र की क्वालिटी बार की जमीन को अवैध रूप से पत्नी तंज़ीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आज़म के नाम करा लिया.

2019 में मालिक गगन अरोड़ा की शिकायत पर एफआईआर दर्ज हुई और परिवार को आरोपी बनाया गया. 2024 में आजम को मुख्य आरोपी घोषित किया गया. मई 2025 में एमपी-एमएलए कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज की, लेकिन सितंबर 2025 में इलाहाबाद हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिल गई. तब से वह सीतापुर जेल में बंद हैं.

 

 

 

 

 

 

 

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