रायपुर में 70 लाख के सोने का मुकुट पहनेंगे बप्पा, AI से बनी गणेश प्रतिमा की झपकेंगी पलकें
आज 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी है। छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देशभर में गणपति बप्पा विराजमान होंगे। घरों के साथ-साथ समितियां भी जोर-शोर से तैयारियों में जुटी हैं। शहरभर में पंडाल बन चुके हैं। सोमवार से ही गणेश पंडालों में धूमधाम से मूर्तियां आनी शुरू हो गई हैं। रायपुर के लाखे नगर में इस बार गणपति बप्पा की अनोखी प्रतिमा स्थापित की गई है। खासियत यह है कि प्रतिमा को तैयार करने से पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से डिजाइन जनरेट किया गया। यही नहीं, इसमें विशेष तकनीक भी जोड़ी गई है, जिसके जरिए बप्पा की आंखों की पलकें खुलेंगी और बंद होंगी। श्रद्धालु आज शाम को फेस रिवील का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पिछले साल भी लाखे नगर की AI गणेश प्रतिमा ने पूरे छत्तीसगढ़ में सुर्खियां बटोरी थीं।
रायपुर के गोलबाजार स्थित श्री बजरंग नवयुवक मित्र मंडल गणेशोत्सव समिति का आयोजन इस बार 116वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। यहां हर साल की तरह इस बार भी गणपति बप्पा को 750 ग्राम वजनी सोने का मुकुट पहनाया जाएगा, जिसकी वर्तमान कीमत करीब 70 लाख रुपये है। यह छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा सार्वजनिक आयोजन माना जाता है, जहां गणपति का स्वर्ण श्रृंगार किया जाता है।
गुढ़ियारी गणेशोत्सव समिति ने इस बार पंडाल को भगवान शिव की लीलाओं के रूप में सजाया है। 15 हजार वर्गफीट में बने इस पंडाल में चलित झांकियां आकर्षण का केंद्र होंगी। अर्धनारीश्वर, गंगा अवतरण, सागर मंथन से लेकर भोले की बारात और कैलाश पर्वत उठाने जैसी झांकियां लोगों को देखने को मिलेंगी। करीब 25 लाख रुपये की लागत से तैयार यह पंडाल श्रद्धालुओं को अलग ही अनुभव देने जा रहा है।
तात्यापारा की श्री भारतीय समाज समिति इस बार गणेश प्रतिमा को धूमकेतु अवतार में विराजित कर रही है। 38 साल से निरंतर आयोजित इस उत्सव में इस बार पंडाल को राजवाड़ा किला थीम पर सजाया गया है। गणेश आगमन भी बड़े ही भव्य तरीके से किया गया।
छोटापारा नवयुवक संघ गणेशोत्सव समिति का आयोजन इस बार 50 साल पूरे कर रहा है। यहां गणेशोत्सव की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग मिलकर आयोजन की तैयारियों में हिस्सा लेते हैं। पंडाल की सजावट से लेकर प्रसाद वितरण तक सभी काम मिलजुलकर होते हैं। यह आयोजन अब धार्मिक सौहार्द और भाईचारे की मिसाल बन चुका है।
