भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी, बेल्जियम कोर्ट का फैसला

बेल्जियम के एंटवर्प शहर की एक कोर्ट ने शुक्रवार को भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों ने बताया कि कोर्ट ने माना कि भारतीय एजेंसियों के अनुरोध पर बेल्जियम पुलिस द्वारा की गई चोकसी की गिरफ्तारी वैध थी। चोकसी को अब भी ऊपरी अदालत में अपील करने का अधिकार है। अगर वह अपील नहीं करता या अपील खारिज हो जाती है तो उसके भारत डिपोर्ट करने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। बेल्जियम पुलिस ने भारतीय जांच एजेंसियों के प्रत्यर्पण की अपील पर 12 अप्रैल को पंजाब नेशनल बैंक से लोन धोखाधड़ी मामले में आरोपी मेहुल चोकसी को गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह जेल में है। चोकसी पर 13,850 करोड़ रुपए का घोटाला करने का आरोप है। मेहुल पत्नी प्रीति चोकसी के साथ रह रहा था, जिन्हें बेल्जियम की नागरिकता मिली है। बेल्जियम के विदेश मंत्रालय ने ही चोकसी की मौजूदगी की जानकारी दी थी।
गिरफ्तारी के समय मेहुल चोकसी बेल्जियम से स्विट्जरलैंड भागने की कोशिश कर रहा था। पुलिस ने चोकसी को गिरफ्तार करते समय दो गिरफ्तारी वारंट का हवाला दिया था। ये मुंबई की एक अदालत ने 23 मई 2018 और 15 जून 2021 को जारी किए थे। बेल्जियम अभियोजकों ने कोर्ट को यह भी बताया कि चोकसी अब भी फरार होने का खतरा है, इसलिए उसे जेल से रिहा नहीं किया जा सकता। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया– यह आदेश हमारे पक्ष में है। अदालत ने साफ कहा कि भारतीय अनुरोध पर बेल्जियम द्वारा की गई गिरफ्तारी कानूनी है। यह डिपोर्ट की दिशा में पहला बड़ा कदम है।
बेल्जियम में अभियोजन पक्ष को भारत के विदेश मंत्रालय और CBI के अधिकारियों ने पूरी मदद की। कोर्ट में उन्होंने चोकसी के अपराधों के सबूत पेश किए और बताया कि वह अपने भतीजा नीरव मोदी के साथ मिलकर PNB बैंक से करीब ₹13,850 करोड़ की धोखाधड़ी में शामिल था।
चोकसी ने 15 नवंबर 2023 को बेल्जियम का ‘एफ रेजिडेंसी कार्ड’ हासिल किया था, जो कथित तौर पर उसकी बेल्जियन नागरिक पत्नी की मदद से प्राप्त किया गया था। रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि चोकसी ने बेल्जियम अधिकारियों को फर्जी दस्तावेज सौंपे थे। उसने अपनी भारतीय और एंटीगुआ की नागरिकता छिपाकर गलत जानकारी दी, ताकि उसे भारत न भेजा जा सके।