CG : महासमुंद में बोगस धान खरीदी का खुलासा, 46 लाख से अधिक का घोटाला…

छत्तीसगढ़ : महासमुंद में धान खरीदी व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। पिथौरा ब्लॉक के अंतर्गत सागुनढ़ाप धान खरीदी केंद्र में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के दौरान करीब 1514.40 क्विंटल बोगस धान की खरीद का मामला उजागर हुआ है। इस गड़बड़ी से लगभग 46 लाख 94 हजार रुपये का गबन सामने आया है, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। यह पूरा मामला तब सामने आया जब कुछ दिन पहले ग्राम सेवा सहकारी समिति सागुनढ़ाप में एक किसान सभा आयोजित की गई। इस बैठक में किसानों ने खरीदी केंद्र के आय-व्यय विवरण और धान खरीदी दस्तावेजों की गहराई से जांच की। किसानों को कुछ गड़बड़ियां महसूस हुईं और जब बारीकी से आंकड़े खंगाले गए तो सामने आया कि केंद्र से लगभग 1514 क्विंटल धान बिना असल किसान के नाम के खरीदा गया है। किसानों ने आरोप लगाया कि यह पूरा फर्जीवाड़ा केंद्र के अध्यक्ष मथामणी बढ़ाई, प्रभारी हरिलाल साव और कंप्यूटर ऑपरेटर धर्मेंद्र प्रधान की मिलीभगत से अंजाम दिया गया। किसानों का दावा है कि इन अधिकारियों ने अपने जान-पहचान वालों के नाम पर बोगस धान दिखाकर सरकारी पैसे का गबन किया है। कागजों में दर्शाई गई धान की मात्रा और वास्तविक धान की स्थिति में भारी अंतर सामने आया है। इससे यह स्पष्ट हो गया कि खरीदी केंद्र में वर्षों से भ्रष्टाचार का खेल चल रहा था, जिसे सिस्टम की ढिलाई और जिम्मेदारों की मिलीभगत ने बढ़ावा दिया। खरीदी गई बोगस धान की कीमत करीब ₹46,94,640 आंकी गई है, जो सीधे तौर पर सरकारी धन का दुरुपयोग है।

घोटाले के सामने आने के बाद इलाके के किसानों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि इस तरह के घोटालों से न केवल ईमानदार किसानों को नुकसान होता है, बल्कि सरकार की योजनाओं पर भी सवाल उठते हैं। किसान संगठनों ने तत्काल जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे धरना और विरोध प्रदर्शन जैसे कदम उठाने पर मजबूर होंगे।

अब तक स्थानीय प्रशासन की ओर से इस मामले पर कोई ठोस बयान सामने नहीं आया है। किसानों का आरोप है कि घोटाला उजागर होने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यदि समय रहते निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो यह मामला और अधिक गंभीर रूप ले सकता है। प्रशासन को जल्द ही जांच शुरू कर दोषियों को सस्पेंड या बर्खास्त करने की दिशा में कदम उठाना होगा।

 

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