आसमान से बरस रही आफत.. चारधाम यात्रा रुकी, बद्रीनाथ हाईवे मलबे से बंद, भारी बारिश का अलर्ट..

पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में आसमान से आफत बरस रही है जगह-जगह बादल फटने से अचानक ऐसी सैलाब आ रहा है, जो अपने साथ सब कुछ बहा ले जाने को आतुर नजर आता है आलम यह है कि विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा को भी रोक दिया गया है. उत्तराखंड के साथ-साथ पड़ोसी पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी भारी बारिश से जन-जीवन बुरी तरह से प्रभावित है.उत्तरकाशी के बलिगढ़ में बादल फटा है. सिलाई बैंड क्षेत्र में भूस्खलन, रुद्रप्रयाग जिले में देर रात से मूसलाधार बारिश हो रही है. आसमान से बरस रही आफत से पहाड़ पर कई जगहों पर भूस्खलन से कई सड़कें भी क्षतिगस्त हुई है प्रदेश में हो रही लगातार भारी वर्षा और भूस्खलन की आशंकाओं को देखते हुए यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए चारधाम यात्रा को एक दिन के लिए स्थगित किया गया है. गढ़वाल आयुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान मौसम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है उन्होंने कहा कि यात्रियों की जानमाल की सुरक्षा के मद्देनज़र यह एहतियाती कदम उठाया गया है, ताकि मार्गों पर फंसे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो और उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सके. संबंधित जिलों के प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है और राहत एवं बचाव दलों को सक्रिय किया गया है.
आयुक्त ने बताया कि आगे की यात्रा को लेकर निर्णय कल मौसम की स्थिति और मार्गों की समीक्षा के पश्चात लिया जाएगा. श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और मौसम सामान्य होने तक यात्रा स्थलों की ओर प्रस्थान न करें. पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ गया है. ऋषिकेश में गंगा वार्निग लेबल से 65 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. सभी प्रमुख गंगा घाटों के प्लेटफॉर्म जल में डूबने लगे हैं. पहाड़ों का पानी धीरे-धीरे मैदानी इलाके में जा रहा है. जिससे आने वाले दिनों में उत्तरप्रदेश, बिहार के गंगातटीय जिलों में बाढ़ का खतरा हो सकता है उत्तरकाशी के डीएम प्रशांत आर्य ने बताया कि सिलाई बैंड के पास हुए भूस्खलन में लापता लोगों की खोज एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. बचाव दल द्वारा घटनास्थल पर लगातार तलाशी और राहत कार्य किए जा रहे हैं. मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून द्वारा जारी भारी बारिश की चेतावनी के दृष्टिगत चारधाम यात्रा को अगले 24 घंटों के लिए रोक दी है.
#Uttarkhand – चारधाम यात्रा अगले 24 घंटे के लिए रोकी गई. उत्तराखंड के कुछ जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट. प्रदेश की अधिकतर नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इस संत उत्तराखंड आने वाले लोग सावधानी बरतें.
वीडियो अलकनंदा नदी की है. pic.twitter.com/zo1WqOabwg
— Dhruv Mishra (@dhruv_mis) June 29, 2025
जनपद में स्थित सभी तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराने के लिए पुलिस एवं संबंधित उप जिलाधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए है. यात्रियों से अनुरोध किया गया है कि वे प्रशासन द्वारा निर्धारित सुरक्षित स्थलों पर ही ठहरें और किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें.
बद्रीनाथ हाईवे पर गौचर तलधारी के पास भारी बारिश के चलते पहाड़ी से मलबा और बोल्डर गिरने से मार्ग बंद हो गया है। सुबह-सुबह हुई इस घटना में वहां से गुजर रहे लोग बाल-बाल बच गए। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। इसके साथ ही कर्णप्रयाग-नेनीसैंण मोटर मार्ग पर भी आईटीआई से करीब 500 मीटर आगे एक चट्टान टूटकर सड़क पर आ गिरी, जिससे आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई है। मार्ग बंद होने से कपीरीपट्टी के लोगों को अब डिम्मर-सिमली होते हुए कर्णप्रयाग पहुंचना पड़ रहा है।
मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंहनगर में बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा अन्य जिलों में भी भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट लागू है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इन जिलों में जलभराव, भूस्खलन, और नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने की आशंका है। ऐसे में लोगों को नदी-नालों के किनारे जाने से बचने और पर्वतीय क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा न करने की सलाह दी गई है।
हरिद्वार में भारी बारिश के चल ते गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। शुक्रवार सुबह से हो रही बारिश के चलते गंगा का जलस्तर 292.90 मीटर तक पहुंच गया है, जो चेतावनी रेखा 293 मीटर से महज 10 सेंटीमीटर कम है। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने गंगा घाट खाली कराए और किनारे बसे लोगों को सतर्क किया गया है। राज्य में बाढ़ राहत चौकियां सक्रिय कर दी गई हैं और उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश प्रशासन अलर्ट मोड पर है। गंगा के जलस्तर पर पल-पल नजर रखी जा रही है।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में एनएच विभाग, एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासनिक टीमें सक्रिय रूप से मलबा हटाने और मार्ग सुचारू करने में जुटी हैं।