छत्तीसगढ़-तेलंगाना का संपर्क टूटा, नक्सल क्षेत्र में तरेम-पामेड़ मार्ग बाढ़ में बहा, इंद्रावती नदी में बाढ़ से 50 घर बहे

छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में मंगलवार देर रात इंद्रावती नदी में अचानक आई बाढ़ ने बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों में भारी तबाही मचाईसुरोखी, फुंडरी और बांगापाल गांवों में 50 से अधिक घर तेज बहाव में बह गएकरीब 50 परिवार बेघर हो गए हैं। बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बस्तर में पिछले दो दिन से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। बुधवार यानी 27 अगस्त 2025 को बस्तर जिले में पुल पार करने के दौरान एक कार के पानी में बहने से उसमें सवार दंपति और उनकी दो बेटियों की मौत हो गई। वहीं एक अन्य घटना में बीजापुर जिले में नदी पार करते समय एक व्यक्ति बह गया। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। जानकारी के अनुसार जगदलपुर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बस्तर जिले में मंगलवार शाम कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ग्रस्त कांगेर नाला पार करते समय एक कार के तेज बहाव में बह जाने से एक परिवार के चार सदस्य डूब गए। उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान राजेश कुमार, उनकी पत्नी पवित्रा और उनकी दो बेटियों सौजन्या और सौमैय्या के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि कार चालक लाला यदु ने एक पेड़ को पकड़कर अपनी जान बचाई। बाद में उसे नाले से बाहर निकाला गया। इन्द्रावती नदी में बाढ़ जैसे हालत.

लगातार हो रही बारिश से छत्तीसगढ़ के चार जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। आपदा प्रबंधन विभागके अनुसार 26 और 27 अगस्त को सबसे अधिक वर्षा दंतेवाड़ा जिले में दर्ज की गई जहां क्रमशः 93.7 मिमी और 118.4 मिमी बारिश हुई। सुकमा में 35 से 109.3 मिमी, बीजापुर में 34.9 से 50.2 मिमी तथा बस्तर में 67.3 से 121.3 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई जिससे 25 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में पिछले 36 घंटों से हो रही लगातार बारिश ने बाढ़ की स्थिति बना दी है। कई इलाक़ों में पानी भरने से लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा रहा है। अब तक बस्तर, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों से 68 से ज़्यादा लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बचाव कार्य में हेलीकॉप्टर, नाव और एसडीआरएफ की टीमें जुटी हुई हैं। राज्य सरकार द्वारा अधिकारियों को अलर्ट रखा गया है और राहत बचाव काम तेज करने के निर्देश दिए हैं।

बस्तर संभाग में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। तेज बारिश से अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है वहीं दो छात्राएं लापता हैं जिनकी तलाश जारी है। भारी बारिश के कारण बड़ी संख्या में लोगों को अपने घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले पूरी तरह सड़क मार्ग से कट गए हैं और सीमावर्ती राज्यों से भी संपर्क टूट गया है। विस्तार न्यूज़ के खबर अनुसार लगभग 100 गांवों का संपर्क उनके जिला मुख्यालयों से टूट चुका है। बरसात ने राष्ट्रीय राजमार्गों और पुलों को भी नुकसान पहुंचाया है। इंद्रावती नदी में डूबी दोनों छात्राओं के शव अभी तक नहीं मिल पाए हैं।

ओडिशा तट के पास उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दाब का क्षेत्र बना है। इसके साथ ऊपरी हवा में चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण भी सक्रिय है, जो लगभग 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक असर डाल रहा है। यह सिस्टम धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है। वहीं मानसून की द्रोणिका (ट्रफ लाइन) बीकानेर, राजस्थान से शुरू होकर बनस्थली, दमोह, पेंड्रारोड होते हुए इसी निम्न दाब केंद्र से जुड़ती है और आगे मध्य बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। इस कारण छत्तीसगढ़ में भी बारिश का असर बढ़ रहा है और कई इलाकों में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है।

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