2026 तक देश से नक्सलवाद का सफाया, बस्तर बनेगा विकास का केंद्र, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का ऐलान

छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कोण्डागांव में चर्चा करते हुए साफ कहा कि पिछले 18 महीनों में हमारी सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़ी है। हमारे बहादुर जवान नक्सलियों से डटकर लड़ रहे हैं और अभियान लगातार सफल हो रहे हैं। साय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी संकल्प लिया है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को देश से जड़ से खत्म कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी जोड़ा कि अब बस्तर सिर्फ संघर्ष का प्रतीक नहीं, बल्कि विकास का नया अध्याय लिखेगा।
बस्तर का अबूझमाड़ क्षेत्र, जो करीब 5000 वर्ग किलोमीटर में फैला है, अब विकास की नई तस्वीर गढ़ रहा है। यहां के जलप्रपात, जंगल और बंबू राफ्टिंग की संभावनाएं पर्यटन को नई दिशा दे रही हैं। खासकर धूडवा रास जैसे स्थान अब साहसिक पर्यटन का केंद्र बनते जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पहले 13 जिले नक्सल प्रभावित माने जाते थे, लेकिन अब सिर्फ 4 जिले ‘अति नक्सल प्रभावित’ की श्रेणी में बचे हैं — बीजापुर, कांकेर, नारायणपुर और सुकमा। वहीं, दंतेवाड़ा, गरियाबंद, मानपुर-मोहला और अंबागढ़ चौकी को ‘कम नक्सल प्रभावित’ जिलों की सूची में रखा गया है।
ये जिले हो चुके हैं नक्सल मुक्त:
बस्तर, धमतरी, गरियाबंद, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, कोंडागांव और राजनांदगांव — ये वो जिले हैं जो कभी नक्सलियों के प्रभाव में थे, लेकिन अब पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री साय ने दो टूक कहा – “अब बस्तर ही नहीं, पूरा छत्तीसगढ़ तेज़ी से तरक्की की राह पर है। नक्सलवाद की जगह अब विकास की आवाज़ गूंजेगी।”