महिला अत्याचार पर सीएम साय का ममता बनर्जी को पत्र… आदिवासियों का जीवन संकट में डालना असहनीय है

क्षेत्रीय

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में 50 से अधिक जनजाति समुदाय की महिलाओं से यौन अत्याचार और जमीन पर कब्जा करने की घटना को प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शर्मनाक बताया है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर इसमें शामिल आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

मुख्यमंत्री साय ने पत्र को इंटरनेट मीडिया एक्स पर साझा करते हुए लिखा है कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में 50 से अधिक जनजाति समुदाय की महिलाओं से नृशंस दुष्कर्म, आदिवासियों की जमीन छीनने जैसी घटनाएं शर्मनाक हैं। वारदात में लिप्त दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र भेज रहा हूं। आशा है कि वे इस पत्र पर संज्ञान लेकर पश्चिम बंगाल के पीड़ितों के प्रति न्याय करेंगी। मुख्यमंत्री ने ममता बनर्जी को पत्र में लिखा है कि संदेशखाली क्षेत्र में 50 से अधिक आदिवासी महिलाओं के साथ दुष्कर्म और हजारों आदिवासियों की जमीन छीन लेने, यहां तक कि मनरेगा मजदूरी के रूप में दिए गए पैसे छीनने जैसी घटनाओं ने मानवता को कलंकित किया है। इस संबंध में राष्ट्रीय जनजातीय आयोग की ओर से दी गई रिपोर्ट से पता चलता है कि यह वीभत्स और भयावह है।

इतिहास गवाह है कि नारी सशक्तिकरण का आंदोलन बंगाल से शुरू हुआ था। स्वामी विवेकानंद, बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की भूमि है, जिसकी सांस्कृतिक समृद्धि को विश्व जानता है।

ऐसे जागरूक राज्य में समाज के वंचित वर्ग पर हो रहे अत्याचार को सभ्य समाज बर्दाश्त नहीं कर सकता है। ऐसी घटनाएं निहायत ही निंदनीय है। महज तुष्टिकरण और वोट की राजनीति के कारण आदिवासियों की जान खतरे में डालना, उनके सम्मान और जानमाल के साथ हो रहा खिलवाड़ असहनीय है।