‘गिरगिट’ लेकर MP विधानसभा पहुंचे कांग्रेस विधायक, बोले- ओबीसी आरक्षण को लेकर रंग बदल रही BJP सरकार

कांग्रेस विधायकों ने आज सोमवार को मध्य प्रदेश विधानसभा परिसर में सांकेतिक गिरगिट लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे पर अपना रंग बदल रही है. विपक्ष के नेता उमंग सिंघार के नेतृत्व में विधायकों ने मानसून सत्र के पहले दिन विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने ओबीसी के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया. प्रदर्शनकारी विधायकों ने हाथों में खिलौना गिरगिट लिए हुए आरोप लगाया कि सरकार ने भी गिरगिट की तरह अपना ‘रंग बदल‘ लिया है. सिंघार ने कहा, “बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर गिरगिट की तरह अपना रंग बदल रही है. सरकार की न तो नीति और न ही नीयत साफ है.”
मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन आज।कांग्रेस विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष @UmangSinghar के नेतृत्व में हाथों में सांकेतिक गिरगिट लेकर भाजपा सरकार को गिरगिट से ज्यादा रंग बदलने वाला बताया।@INCMP @BJP4MP pic.twitter.com/udyyKPilUX
— Izhar Hasan Khan (@izharihk) July 28, 2025
उन्होंने कहा, “जब सुप्रीम कोर्ट जवाब मांगता है, तो सरकार चुप रहती है. लेकिन जब चुनाव आते हैं, तो ओबीसी को गुमराह करने और उनके वोट हासिल करने की राजनीति शुरू हो जाती है.” नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि कांग्रेस ओबीसी आरक्षण और सामाजिक न्याय के मुद्दे को हर मंच पर उठाती रहेगी. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ़ आरक्षण के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और संवैधानिक अधिकारों के लिए है. पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने आरोप लगाया कि ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा सरकार समय-समय पर अपना रंग बदलती रही है. उन्होंने कहा कि सदन के अंदर सरकार ओबीसी की हितैषी होने का दावा करती है, लेकिन जब उन्हें लाभ देने की बात आती है, तो वह उनके अधिकारों को छीनने का काम करती है.
कांग्रेस पिछले कुछ समय से ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की मांग कर रही है. पार्टी नेताओं का दावा है कि 1994 में कांग्रेस सरकार ने ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण दिया था और 2003 में इसे बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा था. उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से, उसने आरक्षण संबंधी फैसले को लागू करने का कोई फैसला नहीं लिया है.