वित्त मंत्री संविधान पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि संविधान की प्रस्तावना में संशोधन कर सेक्यूलर और सोशलिस्ट शब्द जोड़ दिए गए. पूरे विपक्ष को जेल में डालकर ऐसा किया गया. लोकसभा में उनके कुछ सदस्यों ने भी इसका विरोध किया था. राज्यसभा में तो विपक्ष था ही नहीं. उन्होंने मीसा के तहत विपक्षी सांसदों की गिरफ्तारी को लेकर भी कांग्रेस को घेरा. वित्त मंत्री मंत्री निर्मला सीतारमण ने 42वें संविधान संशोधन का जिक्र किया और कहा कि संसद के विस्तारित कार्यकाल में विपक्ष के सदस्यों को जेल में डालकर ऐसा किया गया. बाद में 1978 में मोरारजी देसाई की सरकार ने 42वें संशोधन के प्रावधान हटाने के लिए 44वां संशोधन लाया. इस पर जयराम रमेश ने कहा कि खुद इंदिरा गांधी ने भी इसके समर्थन में वोट किया था. नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि जब ये बिल आया तब जनता ने इंदिरा गांधी को हरा दिया था. तब मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री थे. जयराम रमेश ने कहा कि इन्होंने ठीक से सुना नहीं. मैंने भी यही कहा था. वित्त मंत्री ने कहा कि केशवानंद भारती केस में कोर्ट के निर्णय के बाद तीन जजों को सप्रेशन के जरिये स्विफ्ट पनिशमेंट दिया गया. जिस जज ने अलग राय रखी थी, उसे प्रोन्नत किया गया. ओबीसी कमीशन बनाया गया और इसे संवैधानिक दर्जा दिया गया. बाबा साहब ने कहा था कि पंडित नेहरू दलितों के कल्याण को लेकर गंभीर नहीं हैं. पंडित नेहरू ने पिछले 20 साल में 2000 हजार भाषण दिए हैं लेकिन एक में भी दलितों के कल्याण की बात नहीं है. कांग्रेस कैसे दावा कर सकती है कि वह दलित हितैषी है. कांग्रेस ने बाबा साहब की फोटो तक सेंट्रल हॉल में नहीं लगने दी. भारत रत्न देने से इनकार किया. ओबीसी आरक्षण लागू नहीं किया. अटल बिहारी वाजपेयी ने सबसे पहले पीएम रहते जीएसटी की बात की थी. 10 साल की सरकार के दौरान जीएसटी को लेकर यूपीए सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया. हमने सत्ता में आने के बाद दो साल के भीतर इसे लागू किया.
जीएसटी को लेकर निर्मला सीतारमण की बात पर जयराम रमेश ने कहा कि वह झूठ बोल रही हैं. उन्होंने गुजरात सरकार के विरोध की याद दिलाई. इसके बाद वित्त मंत्री ने महाराष्ट्र में यूपीए की सरकार की आपत्ति का जिक्र किया और यह भी कहा जयराम रमेश तब संशोधन लाना चाहते थे लेकिन उन्हें मनमोहन सिंह ने ऐसा करने से रोक दिया था. वित्त मंत्री ने कहा कि झूठ बोलना कांग्रेस की परंपरा है. किसी ने झूठ बोलने के लिए माफी मांगी थी.