नोएडा सेक्टर-62 में स्थित नैनीताल बैंक में साइबर हमले का मामला सामने आया है। जिसमें नैनीताल बैंक के आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) चैनल को हैक करके साइबर अपराधियों ने 16 करोड़ एक लाख 83 हजार 261 रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर लिया। जब बैंक में बैलेंस शीट का मिलान किया गया, तब इस जालसाजी के बारे में पता चला। पुलिस द्वारा इस मामले में साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है और प्राथमिक जांच जारी है।
नैनीताल बैंक के आईटी मैनेजर ने नोएडा सेक्टर-62 में स्थित साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनके बैंक में जून महीने के बैलेंस शीट का मिलान हो रहा था। 17 जून को आरबीआई सेटलमेंट आरटीजीएस खाते के नियमित समाधान के दौरान बैलेंस सीट में 3 करोड़ 60 लाख 94 हजार 20 रुपये का अंतर पाया गया। इसके बाद बैंक की आरटीजीएस टीम ने विभिन्न वित्तीय संदर्भों को समझने के लिए स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सिस्टम (एसएफएमएस) सर्वर के साथ सीबीएस (कोर बैंकिंग सिस्टम) में लेनदेन की जांच की गई।
इस जांच के दौरान पता चला कि सीबीएस (कोर बैंकिंग सिस्टम) और एसएफएमएस (स्ट्रक्चर्ड मैसेजिंग सिस्टम) में कुछ तकनीकी खामियां पाई गई हैं। इसके बाद आरटीजीएस संदेश देर से मिलने का मामला मानते हुए आरटीजीएस टीम ने अगले दिन तक इंतजार किया और 18 जून को जांच की गई। जिसमें पाया गया कि बैंकों के सीबीएस में बैलेंस सीट मेल नहीं खा रहे थे, जबकि एसएफएमएस में निपटान रिपोर्ट सही थी। जांच के दौरान कुछ संदिग्ध गतिविधियों की भी रिपोर्ट आई, जिससे आरटीजीएस टीम ने अंततः आंतरिक जांच में सिस्टम लाइन में समस्या का पता लगाया।
साइबर क्राइम अधिकारी ने बताया… इस मामले को लेकर जब 20 जून को जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि जिस बैलेंस शीट में गड़बड़ी मिली है। इसमें 85 फीसदी लेनदेन कैश में की गई है। इसके बाद जांच में पता चला कि 16 करोड़ एक लाख 83 हजार 261 रुपये की धोखाधड़ी हुई है। इन पैसों को बैंक से 84 बार में अलग अलग खातों में भेजा गया है। साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक का कहना है कि इस मामले में थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और इस मामले की जांच के लिए एक डेडिकेटेड टीम बनाई गई है। इस मामले में पुलिस की टीम कई अन्य एजेंसियों की मदद ले रही है।