नवोदय विद्यालय में छात्र की मौत से भड़का आक्रोश, स्कूल के बाहर धरने पर बैठे छात्र, कलेक्टर बोले-मामला गंभीर
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के आवासीय सरकारी स्कूल पीएमश्री नवोदय विद्यालय में एक बीमार छात्र की मौत का मामला सामने आया है. नवोदय विद्यालय के छात्र की मौत के पीछे की वजह लापरवाही उजागर हुई है, जिससे बीमार छात्र ने तड़प-तड़पकर जान चली गई. छात्र निमोनिया पीड़ित था. मामला मल्हार स्थित पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय का है, जहां 10वीं के छात्र हर्षित यादव की मौत के बाद हंगामा मचा हुआ है. छात्र की मौत के पीछे स्कूल की बड़ी लापरवाही से जुड़ी हुई है. कहा जा रहा है कि बीमार बच्चे का समय पर इलाज नहीं मिलने पाने से उसकी मौत हो गई. रिपोर्ट के मुताबिक बिलासपुर पीएमश्री नवोदय विद्यालय में 10वीं में पढ़ने वाले छात्र हर्षित यादव ने बीमारी के दौरान समय पर इलाज नहीं मिलने से तड़प-तड़प कर जान दे दी. बताते हैं कि बीमार छात्र को इलाज के लिए बाहर नहीं ले जाया जा सका, जिससे छात्र की हालत बिगड़ती चली गई और अंततः उसकी जान चली गई.
मृत छात्र हर्षित के पिता ने आरोप लगाया कि नवोदय विद्यालय के हॉस्टल की हालात बेहद खराब हैं, जहां दीवारों पर सीलन और गंदगी आम हैं. उन्होंने बताया कि हॉस्टल में मेडिकल की सुविधा भी नहीं है, जिससे बच्चों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है. उन्होंने कहा कि अगर मासूम को सही समय पर इलाज मिलता तो बच्चा बच सकता था.
छात्र की मौत के बाद छात्रों का आक्रोश भड़क गया है। बुधवार को छात्र-छात्राओं ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्कूल के गेट के सामने विरोध-प्रदर्शन किए। आक्रोशित विद्यार्थी कलेक्टर को बुलाने की मांग पर अड़ गए । कलेक्टर संजय अग्रवाल ने भी छात्र की मौत को गंभीर माना है। साथ ही एसडीएम को जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
छात्रों ने हर्षित यादव की मौत के मामले में इलाज में देरी और लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। नाराज छात्र और छात्राएं प्रबंधन के खिलाफनारेबाजी करते हुए सड़क पर बैठ गए। स्कूल गेट के बाहर बैठकर धरना-प्रदर्शन कर नारे लगाए।उनका कहना है कि हर्षित की तबीयत बिगड़ने पर न समय पर इलाज मिला और न ही एंबुलेंस की व्यवस्था की गई। समय रहते उसका इलाज होता तो उसकी जान बच जाती। लेकिन, प्रबंधन की लापरवाही और मनमानी के चलते उसकी हालत गंभीर होती चली गई। समय पर इलाज नहीं मिलने से उसकी मौत हुई है। छात्रों ने बताया कि हास्टल की हालत बहुत खराब है। विद्यार्थी अव्यवस्था के बीच रहने को विवश है। 500 छात्रों के लिए सिर्फ तीन सफाई कर्मचारी हैं, इसके कारण हास्टल और शौचालयों की सफाई नहीं होती है हमेशा गंदगी रहती है।इस दौरान कई छात्रों ने बताया कि आज प्री-बोर्ड परीक्षा होने के बावजूद वे मजबूर होकर सड़क पर उतरे हैं, क्योंकि लगातार अनदेखी के कारण अब उनका सब्र खत्म हो चुका है। छात्रों ने चेतावनी दी है कि मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। वहीं परिजनों ने भी नवोदय प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।
