केरल सांसदों का डेलिगेशन पहुंचा छत्तीसगढ़, ननों से मुलाकात के बाद रायपुर में करेंगे विरोध प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ : दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो ननों की गिरफ्तारी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मुद्दे पर केरल से सांसदों का एक डेलिगेशन आज शुक्रवार को रायपुर पहुंचा, जो दुर्ग जेल में बंद ननों से मुलाकात करेगा और राजधानी में विरोध प्रदर्शन करेगा। यह दूसरी बार है जब केरल के सांसद इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ आए हैं। केरल से आए चार सांसदों कोडिकुन्निल सुरेश, एंटो एंटनी, डीन कुरियाकोसे और हिबी ईडन शुक्रवार सुबह रायपुर पहुंचे। ये सांसद सुबह 11 बजे दुर्ग जेल में बंद ननों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद दोपहर 3 बजे रायपुर में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के साथ मिलकर ननों की गिरफ्तारी के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस प्रदर्शन में कांग्रेस की सह-प्रभारी जरीता लैतफलांग के साथ बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे। सांसद डेलिगेशन डीजीपी से भी मुलाकात कर इस मामले में अपनी बात रखेगा।
रायपुर पहुंचने के बाद सांसद हिबी ईडन ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि दो ननों को बिना किसी ठोस सबूत और झूठे आरोपों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। ईडन ने बताया कि इस मामले को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा, “उत्तरी भारत में मिशनरी संस्थाएं शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करती हैं, वहां धार्मिक प्रचार नहीं होता। फिर भी अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं। हाल ही में उड़ीसा में एक प्रीस्ट के साथ मारपीट की गई थी।” ईडन ने यह भी कहा कि संविधान हर नागरिक को देश में कहीं भी काम करने और धर्म चुनने की आजादी देता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि ज्योति नामक व्यक्ति द्वारा ननों पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं और धमकियां दी जा रही हैं। उन्होंने कहा, “केरल के लोग ननों के साथ हैं और बीजेपी का भी यही रुख है। अगर मामला एनआईए कोर्ट में है, तो फिर ननों को पांच दिन तक जेल में क्यों रखा गया?” इससे पहले 29 जुलाई को इंडी गठबंधन के पांच सदस्यों का डेलिगेशन ननों से मिलने दुर्ग जेल पहुंचा था। इसके अलावा केरल बीजेपी के महासचिव अनूप एंटनी जोसेफ ने भी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात की थी। बीजेपी डेलिगेशन ने भी ननों से जेल में मुलाकात की थी।
25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दो ननों और एक युवक को मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप में रोका था। आरोप था कि ये लोग नारायणपुर जिले की तीन लड़कियों को बहला-फुसलाकर आगरा ले जा रहे थे। कार्यकर्ताओं ने हंगामा करते हुए तीनों को जीआरपी के हवाले कर दिया। भिलाई-3 जीआरपी चौकी में जांच के बाद धर्मांतरण की धारा 4 के तहत मामला दर्ज किया गया और तीनों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। ननों की गिरफ्तारी का मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है। केरल सांसदों का डेलिगेशन और कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन इस मुद्दे को और गरमा सकता है। यह देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और क्या यह विवाद शांत होगा या और बढ़ेगा।