आखिरी दिनों में बेहद दर्द में थे धर्मेंद्र, हेमा मालिनी बोलीं- काश मैं उनके साथ होती
24 नवंबर को बॉलीवुड के चहेते सुपरस्टार में से एक धर्मेंद्र ने दुनिया को अलविदा कह दिया। उम्र संबंधी बीमारियों की वजह से एक्टर का निधन हुआ और आनन-फानन में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। इसे लेकर फैंस के मन में कई सवाल थे और उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी। अब यूएई के फिल्ममेकर हमद अल रियामी ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में एक्टर के आखिरी समय और अंतिम संस्कार को लेकर अरेबिक भाषा में लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा है। दरअसल, हमद ने 30 सितंबर को धर्मेंद्र से उनके जुहू स्थित आवास पर आखिरी बार मुलाकात की थी। और उनके निधन के तीन दिन बाद हेमा मालिनी से मिलने गए थे। हेमा ने हमद से एक्टर के आखिरी दिनों के बारे में बात करते हुए उसे काफी दर्दनाक बताया था।
वो लिखते हैं- ‘शोक संवेदना के तीसरे दिन, मैं दिवंगत सुपरस्टार धर्मेंद्र की पत्नी दिग्गज अभिनेत्री हेमा मालिनी से मिलने गया। यह मेरी उनसे पहली बार आमने-सामने मुलाकात थी। हालांकि मैं उन्हें पहले भी कई मौकों पर दूर से देख चुका हूं। लेकिन इस बार कुछ अलग था।
एक मार्मिक, दिल पर भारी, ऐसा जो कितनी भी कोशिश कर लो, अंदर तक उतरता नहीं। मैं उनके साथ बैठा और मैं उनके चेहरे पर पीड़ा का भाव देख सकता था, जिसे वो छुपाने की बहुत कोशिश कर रही थीं।’ हमद ने आगे लिखा- ‘उन्होंने मुझसे कांपती हुई आवाज में कहा, काश मैं फार्महाउस पर उनके साथ होती, जहां दो महीने पहले मैं उनसे मिली थी। काश मैं उन्हें वहां देख पाती।’

हमद लिखते हैं कि हेमा ने उन्हें बताया कि धर्मेंद्र खूबसूरत कविताएं लिखते थे। उन्होंने मुझे बताया- ‘मैं उनसे हमेशा कहती थीं कि वो अपनी सुंदर कविताएं और रचनाएं पब्लिश क्यों नहीं करते?’ और वो जवाब देते- ‘अभी नहीं…पहले मुझे कुछ कविताएं पूरी करने दो। लेकिन वक्त ने उन्हें मौका नहीं दिया और वो चले गए।’
वो आगे लिखते है कि फिर हेमा ने उनसे थोड़ी कड़वाहट से कहा- ‘अब अजनबी आएंगे, वे इसके बारे में लिखेंगे। वे किताबें लिखेंगे, जबकि उनके शब्द कभी सामने नहीं आ पाएंगे।’
फिर हेमा ने अंतिम संस्कार के बारे में बात करते हुए गहरे दुख के साथ कहा कि उन्हें अफसोस है कि धर्मेंद्र के फैंस को उन्हें आखिरी बार देखने का मौका नहीं मिला। हेमा ने कहा- ‘धर्मेंद्र ने पूरी जिंदगी नहीं चाहा कि कोई उन्हें कमजोर या बीमार हालत में देखे। वो अपना दर्द सबसे छुपा लेते थे। यहां तक कि अपने सबसे करीबियों से भी। इंसान के जाने के बाद… फैसला परिवार पर ही निर्भर करता है।’
हमद लिखते हैं कि ये सारी बातें सुनकर मैं थोड़ी देर बैठा और मैंने हेमा मालिनी के आंसू पोछें। तब हेमा ने उनसे साफ कहा- ‘लेकिन जो हुआ वो ठीक ही था क्योंकि हमद तुम उन्हें इस हालत में नहीं देख सकते थे। उनके आखिरी दिन बहुत ही क्रूर और दर्दनाक थे। हम खुद भी उन्हें इस हालत में देखना मुश्किल से बर्दाश्त कर पा रहे थे।’
हमद लिखते हैं कि हेमा के शब्द तीर की तरह लगे, जो कि दर्दनाक और सच्चे थे। मैंने बातचीत खत्म करते हुए उनसे कहा, जो भी हो…मेरी मोहब्बत उनके लिए कभी नहीं बदलेगी। न ही उनका मेरी जिंदगी से कभी कम होगा।
जब मैं जाने लगा, तब मैंने हेमा जी झिझकते हुए पूछा कि क्या मैं उनके साथ एक फोटो ले सकता हूं क्योंकि मेरे पास कभी भी उनके साथ की कोई तस्वीर नहीं है। हेमा ने धर्मेंद्र की तरह बहुत जिंदादिली से उनके साथ फोटो खिंचवाई।
