उत्तर प्रदेश का संभल जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद को लेकर पिछले एक महीने से चर्चा में है। यहां प्राचीन विरासत की खोज में लगातार खुदाई जारी है। इतिहास के राज उगल रही संभल की धरती से कई प्राचीन मंदिर, बावड़ी और कूप मिल चुके हैं। इसी बीच जामा मस्जिद के सामने सत्यव्रत पुलिस चौकी का निर्माण किया जा रहा है। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में पुलिस चौकी का निर्माण चल रहा है। जामा मस्जिद के सामने पुलिस चौकी बनाए जाने को लेकर मंगलवार को AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया था। ओवैसी ने दावा किया था कि जिस जमीन पर सत्यव्रत पुलिस चौकी का निर्माण कार्य चल रहा है, वो जमीन मुस्लिम वक्फ बोर्ड की है। ओवैसी ने X पर दावा किया कि ‘जहां पुलिस चौकी बनाई जा रही है, वह वक्फ की जमीन पर है, जैसा कि रिकॉर्ड में दर्ज है। इसके अलावा, प्राचीन स्मारक अधिनियम के तहत संरक्षित स्मारकों के पास निर्माण कार्य प्रतिबंधित है।’ उन्होंने जमीन का वक्फनामा भी दिखाया था।
ओवैसी के दावे पर अब संभल के DM डॉ. राजेंद्र पेंसिया का बयान आया है। उन्होंने ओवैसी के दावे को खारिज करते हुए कहा कि ‘जिस जमीन पर सत्यव्रत पुलिस चौकी का निर्माण हो रहा है। वो नगर पालिका की संपत्ति के रूप में दर्ज है। जामा मस्जिद के सामने वाली जमीन वक्फ की नहीं है। अभी तक जितने भी दस्तावेज आए हैं उनको लेकर कोई भी प्रभावित और विधिक पक्षकार हमारे पास नहीं आए हैं। अगर कोई दस्तावेज लेकर आता है, तो नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी। अभी तक जमीन पर अपने स्वामित्व का दावा करने के लिए हमारे पास नहीं आया है। वर्तमान में जो भी दस्तावेज दिखाए जा रहे हैं वह रजिस्टर्ड नहीं हैं।’ संभल थाना क्षेत्र के कोट पूर्वी मोहल्ले में शाही जामा मस्जिद के पास बनने वाली पुलिस चौकी का शनिवार (28 दिंसबर) को भूमि पूजन हुआ था। प्रशासन ने हाल में संभल हिंसा के मद्देनजर यहां पुलिस चौकी बनाने का फैसला लिया है। भूमि पूजन कराने वाले पुरोहित शोभित शास्त्री ने बताया था कि वास्तु दोष न रहे, इसके लिए भी पूजन किया गया है।