नोबेल शांति पुरस्कार न मिलने पर छलका डोनाल्ड ट्रंप का दर्द… कहा – ‘मैं हूं असली हकदार, मारिया ने भी माना’,

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार न मिलने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वेनेज़ुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो ने इसे ‘मेरे सम्मान में’ स्वीकार किया है. ट्रंप ने कहा, “जिसको वास्तव में नोबेल पुरस्कार मिला था, उसने आज मुझे फोन किया और कहा, ‘मैं इसे आपके सम्मान में स्वीकार कर रही हूं क्योंकि आप वास्तव में इसके हकदार थे,’ यह बहुत अच्छी बात है.” ट्रंप ने मजाकिया लहजे में कहा, “हालांकि, मैंने तब यह नहीं कहा कि ‘इसे मुझे दे दो.'” ट्रंप ने ज़ोर देकर कहा कि मैं खुश हूं क्योंकि मैंने लाखों लोगों की जान बचाई है.

नोबेल पुरस्कार विजेता मारिया कोरिना मचाडो ने अपना नोबेल शांति पुरस्कार न केवल वेनेज़ुएला के लोगों को, बल्कि राष्ट्रपति ट्रंप को भी समर्पित किया. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में, उन्होंने लिखा, “मैं यह पुरस्कार वेनेज़ुएला के पीड़ित लोगों और हमारे मकसत के प्रति उनके निर्णायक समर्थन के लिए राष्ट्रपति ट्रंप को समर्पित करती हूं.”

इससे पहले, व्हाइट हाउस ने नोबेल समिति के फैसले की आलोचना करते हुए दावा किया था कि योग्यता से ज़्यादा राजनीति की भूमिका है. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता स्टीवन चेउंग ने सोशल मीडिया पर कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप शांति समझौते करते रहेंगे, युद्ध खत्म करेंगे और जानें बचाते रहेंगे. उनका दिल एक मानवतावादी है और उनके जैसा कोई नहीं होगा.” ट्रंप लंबे वक्त से यह कहते रहे थे कि वह नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं, और इसके लिए उन्होंने दुनिया भर में संघर्षों को खत्म करने के अपने प्रयासों का हवाला दिया. उन्होंने आठ शांति समझौतों में मध्यस्थता करने के अपने दावे को दोहराया, जिनमें से एक इज़राइल और गाजा के बीच और दूसरा भारत और पाकिस्तान से जुड़ा था. ट्रंप ने कहा, “भारत और पाकिस्तान के मामले में, सात विमानों को मार गिराया गया, यह एक बुरा कदम था, और मैंने इसे बड़े पैमाने पर व्यापार के माध्यम से किया.”

ट्रंप ने कहा, “मैंने टैरिफ पर बात की, मैंने कहा, देखो, अगर आप ऐसा करने जा रहे हैं, तो हम आपके देश पर बहुत बड़े टैरिफ लगाने जा रहे हैं, और वे दोनों बहुत अच्छे थे, उन्होंने लड़ाई बंद कर दी और वे दो परमाणु शक्तियां थीं.” हालांकि उन्होंने मई में भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष को सुलझाने का श्रेय बार-बार लिया है, लेकिन भारत ने ट्रंप के दावों का खंडन किया है. मारिया मचाडो को वेनेज़ुएला के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए उनके अथक प्रयास और तानाशाही से लोकतंत्र में न्यायपूर्ण और शांतिपूर्ण संक्रमण के लिए उनके संघर्ष के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिला है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *