बीजेपी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट का ऐलान कर दिया है. इसमें दो पूर्व आईएएस अफसरों को भी सियासी रण में उतारा है. इसमें ओपी चौधरी को रायगढ़ और नीलकंठ टेकम को केशकाल विधानसभा सीट से टिकट दी है. चौधरी गृहमंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. इसी के चलते उन्होंने सियासत में एंट्री ली थी.
22 साल की उम्र में आईएएस अधिकारी बनने वाले ओपी चौधरी के पिता दीनानाथ चौधरी टीचर थे. जब ओपी महज दूसरी कक्षा में थे, तब उनके सिर से पिता का साया उठ गया था. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पैतृक गांव में पूरी की
इसके बाद भिलाई से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और सिविल सेवा की तैयारी में जुट गए. चौधरी ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी क्लियर किया और रायपुर के कलेक्टर भी रहे. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने खरसिया सीट से चुनाव लड़ा था, मगर भारी अंतर से हार का सामना करना पड़ा था.
3 हजार लोगों के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे नीलकंठ टेकम
बात करें नीलकंठ टेकम की तो वो 2008 बैच के पूर्व आईएएस अधिकारी हैं. ढाई साल तक वो कोंडागांव जिला कलेक्टर रहे. उनके इस पद पर रहते हुए कोंडागांव जिले को आकांक्षी जिले में देश में पहला स्थान मिला था. लंबे समय तक यहां सेवा देने के कारण उनकी इलाके में अच्छी पकड़ है.
नीलकंठ मूल रूप से कांकेर जिले के अंतागढ़ के रहने वाले हैं. मगर, उनकी कर्मभूमि केशकाल है. इसको देखते हुए बीजेपी ने उन्हें केशकाल सीट से टिकट दी है. बीते महीने ही करीब 3 हजार लोगों के साथ बीजेपी में शामिल होकर उन्होंने अपनी ताकत दिखाई थी. सियासी गलियारों में चर्चा है कि केशकाल से नीलकंठ को टिकट मिलना कांग्रेस के लिए चुनौती साबित हो सकती है
बताते चलें कि राज्य में 90 सीटों पर 7 और 17 नवंबर को मतदान होगा और 3 दिसंबर को नतीजे आएंगे. बीजेपी ने दूसरी सूची में 64 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है. इसमें 10 महिला उम्मीदवारों पर भी दांव लगाया है. इस तरह बीजेपी ने अब तक कुल 15 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का ऐलान किया है.
मध्य प्रदेश की तरह यहां तीन सांसदों को विधानसभा चुनाव की टिकट दी गई है. इसमें जनता पार्टी अध्यक्ष अरुण साव को लोरमी से, गोमती साय को पत्थलगांव से और जनजातीय कार्य मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर सोनहत सीट से मैदान में उतारा है