BMC सहित महाराष्ट्र के 29 नगर निगमों के चुनाव का ऐलान, 15 जनवरी को वोटिंग, 16 को रिजल्ट
महाराष्ट्र चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि महाराष्ट्र में 29 नगर निगमों के चुनाव के लिए 15 जनवरी को वोटिंग होगी. 16 जनवरी को रिजल्ट आ जाएंगे. महाराष्ट्र की सभी 29 महानगर पालिकाओं के लिए 15 जनवरी को ही मतदान होगा और 16 जनवरी को नतीजे आएंगे. इस घोषणा के साथ ही राज्य में आचार संहिता लागू हो गई है. महानगरपालिका चुनाव 2022 से लम्बित हैं. अब ठीक एक महीने बाद चुनाव होगा.
नामांकन दाखिल करने की तिथि: 23 से 30 दिसंबर, 2025
नामांकन पत्रों की जांच: 31 दिसंबर, 2025
नामांकन वापस लेने की तिथि: 2 जनवरी, 2026
चुनाव चिन्हों का आवंटन और अंतिम उम्मीदवारों की सूची: 3 जनवरी, 2026
चुनाव तिथि: 15 जनवरी, 2026
परिणाम: 16 जनवरी, 2026
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को 31 जनवरी 2026 तक सभी स्थानीय निकाय चुनाव पूरे करने की समय-सीमा तय कर दी है. चुनाव आयोग के ऐलान से साफ है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार ही सभी निगमों में चुनाव कराया जा रहा है. राजनीतिक रूप से, बीएमसी मुंबई जैसे अन्य बड़े शहरों के चुनाव सबसे अहम माने जा रहे हैं, क्योंकि ये राज्य की राजनीतिक दिशा तय करेंगे.
इससे पहले, राज्य के 264 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के लिए मतदान 2 दिसंबर, 2025 को हो चुका है. इन चुनावों के नतीजे 21 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. करीब 24 नगर परिषद और नगर पंचायतों में चुनाव स्थगित हुए थे, जिसकी मतदान की संशोधित तारीख 20 दिसंबर तय की गई और नतीजे 21 दिसंबर को ही घोषित किए जाने हैं.
महानगर पालिका यानी म्युनिसिपल कारपोरेशन चुनाव स्थानीय निकाय चुनावों में सबसे महत्वपूर्ण होते हैं. शहरों की देखरेख करने वाली पालिकाएं राज्य की राजनीति का केंद्र होती हैं. आर्थिक राजधानी मुंबई पर सबसे बड़ा फोकस रहेगा. मुंबई महानगर पालिका (BMC) सिर्फ देश की सबसे बड़ी नहीं, बल्कि एशिया की सबसे अमीर महानगर पालिका है. इसका बजट कई छोटे राज्यों के वार्षिक बजट से भी अधिक होता है. इसलिए इस निकाय पर नियंत्रण का मतलब है भारी आर्थिक और राजनीतिक शक्ति पर नियंत्रण.
मुंबई, पुणे, ठाणे जैसे महानगर पालिकाओं के नतीजे सीधे तौर पर राज्य की सत्ता का मूड और सत्ताधारी गठबंधन की लोकप्रियता दिखाते हैं. इन चुनावों से राज्य की सत्ता का समीकरण प्रभावित होता है. ये निकाय राज्य की सबसे अधिक आबादी वाले शहरी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं. शहरी विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य सेवा और नागरिक सुविधाओं की जिम्मेदारी इन्हीं निकायों की होती है, जिससे आम नागरिक सीधा प्रभावित होता है.
