CG : आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा में 2 मिनट की देरी पर नहीं मिली एंट्री, सैकड़ों छात्र वंचित, कई जगह हंगामा…

छत्तीसगढ़ में रविवार को आयोजित आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा में राज्य की परीक्षा एजेंसी ‘व्यापम’ की अव्यवस्था और लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है. राज्य के विभिन्न परीक्षा केंद्रों से आई रिपोर्टों के अनुसार, समय पर जानकारी न देना, नियमों की मनमानी व्याख्या और लापरवाही के चलते सैकड़ों छात्र परीक्षा देने से वंचित रह गए, जिससे छात्रों और उनके परिवारों में भारी आक्रोश है. रायपुर, धमतरी, जांजगीर-चांपा और सूरजपुर में सैकड़ों छात्रों को समय पर पहुंचने के बावजूद परीक्षा केंद्रों में प्रवेश नहीं मिला. छात्रों के पास 10:45 बजे तक का एंट्री टाइम लिखा हुआ था, लेकिन 10:30 पर ही गेट बंद कर दिया गया. कई छात्रों ने पुराने एडमिट कार्ड दिखाए, फिर भी रोका गया. जांजगीर में आधार या एडमिट कार्ड की मामूली त्रुटियों पर रोक दिया गया. सूरजपुर में धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप लगे. इन घटनाओं ने व्यापम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. छात्र दोबारा परीक्षा अवसर और उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं.
इन सभी घटनाओं ने व्यापम की परीक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. अभ्यर्थियों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि यह केवल एक प्रशासनिक चूक नहीं, बल्कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. प्रभावित छात्रों ने सरकार से इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने और उन सभी छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का अवसर देने की मांग की है, जो व्यापम और केंद्र के अधिकारियों की लापरवाही और मनमानी का शिकार हुए हैं. रायपुर के टाटीबंध स्थित आदर्श विद्यालय परीक्षा केंद्र पर सबसे ज्यादा अव्यवस्था देखने को मिली. यहां दर्जनों छात्र परीक्षा केंद्र के गेट पर रोते-बिलखते रहे. छात्रों का आरोप था कि उनके एडमिट कार्ड पर स्पष्ट रूप से प्रवेश का अंतिम समय 10:45 बजे लिखा था, लेकिन परीक्षा केंद्र के अधिकारियों ने गेट 10:30 बजे ही बंद कर दिया. कई छात्रों ने पुराने एडमिट कार्ड भी दिखाए, जिनमें यह समय साफ दर्ज था, फिर भी उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया. छात्रों ने बताया कि व्यापम की ओर से समय में बदलाव की कोई सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, जिसके कारण वे भ्रमित रहे.
धमतरी के परीक्षा केंद्रों पर भी रायपुर जैसी ही स्थिति रही. यहां भी छात्रों ने बताया कि उन्होंने 21 जुलाई को एडमिट कार्ड डाउनलोड किए थे, जिनमें प्रवेश का अंतिम समय 10:45 बजे था. लेकिन परीक्षा वाले दिन मनमाने तरीके से 10:30 बजे ही गेट बंद कर दिए गए. वहीं, जांजगीर-चांपा के डेल्ही पब्लिक स्कूल परीक्षा केंद्र पर भी बड़ी संख्या में छात्रों को परीक्षा देने से रोका गया. कुछ छात्रों को इसलिए प्रवेश नहीं दिया गया क्योंकि उनके एडमिट कार्ड पर पिता की जाति का उल्लेख नहीं था. जबकि कई छात्र अपने आधार कार्ड और अन्य सभी आवश्यक दस्तावेज साथ लाने के बावजूद परीक्षा से बाहर कर दिए गए. इससे नाराज छात्रों ने केंद्र के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया.
आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा में अव्यवस्थाओं और सख्त ड्रेस कोड के चलते कई अभ्यर्थियों को परीक्षा से वंचित कर दिया गया। परीक्षा 200 पदों के लिए थी और राज्यभर में 900 से ज्यादा केंद्र बनाए गए थे। परीक्षा से पहले केंद्रों पर सुरक्षा जांच के नाम पर लड़कियों से काले दुपट्टे और कपड़े उतरवाए गए, जबकि लड़कों को जूते और बेल्ट निकालने पड़े। रायपुर में एक छात्रा को सिर्फ इस वजह से एंट्री नहीं मिली कि उसने डार्क कलर का टॉप पहन रखा था। वो बाहर जाकर नई टी-शर्ट खरीद कर लौटी, लेकिन 10:32 बजे गेट बंद हो चुका था। महज दो मिनट की देरी ने उसका साल बर्बाद कर दिया। खैरागढ़ में परीक्षा नहीं दे पाने वाले अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर निवास का घेराव किया। मौके पर पुलिस से तीखी बहस और धक्का-मुक्की की स्थिति बनी। छात्रों का आरोप था कि वे समय से पहले पहुंचे थे, लेकिन ड्रेस कोड के बहाने उन्हें रोका गया और जब कपड़े बदलकर लौटे तो गेट बंद हो चुका था।
मनेंद्रगढ़ में भी हालात कुछ ऐसे ही रहे। कई छात्रों ने एग्जाम सेंटर में एंट्री न मिलने पर हंगामा किया। पुलिस को बुलाना पड़ा। कई छात्र गुस्से में आकर अपना एडमिट कार्ड फाड़ते नजर आए। उनका कहना था कि वे 100-150 किलोमीटर दूर से आए थे, लेकिन थोड़ी देर और ड्रेस कोड के नाम पर अंदर जाने नहीं दिया गया।
PWD सब-इंजीनियर परीक्षा में बिलासपुर में पकड़े गए हाईटेक नकल मामले के बाद व्यापमं ने ड्रेस को लेकर नियम सख्त किए थे। हल्के रंग के आधी बांह के कपड़े, चप्पल पहनना और बेल्ट-जूते न पहनना जैसी गाइडलाइन जारी की गई थी। लेकिन ज़्यादातर अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्हें इन नियमों की पूरी जानकारी नहीं थी, और प्रचार-प्रसार अधूरा था।