जबलपुर : किराए के मकान में नकली नोट छापने की फैक्ट्री, 18 लाख के जाली नोट खपाते पकड़ाया

मध्यप्रदेश : जबलपुर पुलिस ने करीब 18 लाख रुपए के नकली नोट खपाने की साजिश रच रहे गिरोह का खुलासा किया है। इस गिरोह का मास्टरमाइंड ऋतुराज विश्वकर्मा किराए के मकान में ही नकली नोटों की छपाई का कारखाना चला रहा था। नगर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 16 जून को थाना प्रभारी धीरज राज को मुखबिर से सूचना मिली थी की रवि दहिया नाम का युवक नकली नोटों के साथ कब्रिस्तान के पास खड़ा है. पुलिस टीम ने जब रवि दाहिया को 2 लाख 94 हजार के नकली नोटों के साथ मंडी मदार टेकरी कब्रिस्तान के पास से पकड़ा. पूछताछ में रवि ने नकली नोटों के पीछे एक बड़े गिरोह के बारे में जानकारी दी. इसी आधार पर पुलिस ने 17 जून को नकली नोट बनाने के मुख्य सरगना ऋतुराज विश्वकर्मा को अधारताल क्षेत्र के यशवंत नगर स्थित किराए के मकान से गिरफ्तार किया. जहां ऋतुराज के घर से पुलिस को नकली नोट तैयार करने का पूरा सामान मिला. इस गिरोह के मुख्य सरगना कमती इमलिया गोटेगांव नरसिंहपुर निवासी 36 वर्षीय ऋतुराज विश्वकर्मा ने बताया कि वह पिछले 8-9 महीनों से नकली नोट छापने का काम कर रहा है. वह असली नोटों के बदले 1-3 के अनुपात में नकली नोट लोगों को देता था. उसके इस काम मे 20 वर्षीय धीरज मनवानी द्वारका नगर लालमाटी जबलपुर, 44 वर्षीय गौरव तिवारी बृजमोहन नगर रामपुर छापर जबलपुर, इसके साथ ही बिंझिया तिराहा कोतवाली मंडला के रहने वाले 55 वर्षीय संतोष श्रीवास्तव और 42 वर्षीय आंजय नवेरिया के साथ साथ शाहपुरा जबलपुर निवासी सत्यम पटेल शामिल थे. ऋतुराज विश्वकर्मा बीबीए पास है.
मण्डला निवासी संतोष श्रीवास्तव और अजय नवेरिया को 12.5 लाख रुपए नकली नोट देकर बदले में 4 लाख असली नोट लिए थे. वहीं शहपुरा के रहने बाले जमना प्रसाद पटेल को भी 3 लाख रुपए के नकली नोट दिए गए थे. जांच में अजय नवेरिया के कब्जे से 9 लाख रुपए के नकली नोट और जमनाप्रसाद पटेल से 3 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए गए. पुलिस ने ऋतुराज विश्वकर्मा के घर से एक कलर प्रिंटर, नकली नोट छापने का सामान, लैपटॉप, कागज कुछ कलर और एक कटर भी जब्त किया है. पूछताछ में यह पता चला है कि घर में ही पेंट एप एवं विकिपीडिया की मदद से लैपटॉप में नकली नोट डिजाइन करते थे फिर कलर प्रिंटर के सहारे नकली नोट छाप कर जबलपुर नरसिंगपुर एवं मंडला सहित आसपास के जिलों में सप्लाई किया करते थे.