लाहौर तक पहुंचा जलप्रलय तो पाकिस्‍तान ने भारत को ठहराया जिम्मेदार, सिंधु जल संधि पर दी दुहाई

पाकिस्तान इस समय बीते चार दशकों की सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भारत से आने वाली नदियों के पानी ने तबाही लाई हुई है और बड़ा इलाका डूबा हुआ हैइस भीषण हालात के लिए पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाया है और सिंधु जल संधि स्थगित किए जाने को बड़ी वजह बताया हैपाकिस्तानी अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि भारत के सिंधु जल संधि को स्थगित करने से पाकिस्तान में बाढ़ की स्थिति और बदतर हो गई हैइसके साथ ही अधिकारियों ने एक भारतीय बैराज के गेट टूटने का भी दावा किया इस हफ्ते हुई भीषण बारिश ने पाकिस्तान के खाद्यान्न की सप्लाई चेन कहे जाने वाले पंजाब प्रांत को तबाह कर दिया है। बाढ़ का पानी देश के दूसरे सबसे बड़े शहर लाहौर के बाहरी इलाकों में पहुंच गया, जबकि झांग शहर पर डूबने का खतरा मंडरा रहा हैदेश का यह इलाका 40 वर्षों में सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। पंजाब में बाढ़ का संकट पाकिस्तान में भुखमरी की स्थिति ला सकता है, क्योंकि फूड फैक्ट्री कहे जाने वाले इस इलाके में फसलें तबाह हो रही हैं।

पाकिस्तान की शहबाज सरकार में योजना और विकास मंत्री अहसान इकबाल ने इसके लिए भारत के सिंधु जल संधि स्थगित करने को जिम्मेदार ठहराया है। इकबाल ने रॉयटर्स को बताया कि संधि के तहत साझा किए जाने वाले पानी के बहाव के आंकड़े पाकिस्तान को विस्तार से नहीं दिए गए। इकबाल ने कहा, अगर हमारे पास बेहतर जानकारी होती, तो हम बेहतर प्रबंधन कर सकते थे। अगर सिंधु जल संधि लागू होती, तो हम इसके प्रभाव को कम कर सकते थे।

पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार, भारत ने रविवार से इस्लामाबाद को चार बाढ़ अलर्ट भेजे हैं,जिनमें शुक्रवार को दी गई चेतावनी शामिल है। भारत ने कहा है कि उसने मानवीय आधार पर चेतावनी भेजी है। सिंधु जल संधि स्थगित किए जाने के बाद से ही भारत ने इस चैनल के माध्यम से किसी भी सूचना का आदान-प्रदान नहीं किया है। हालिया, चेतावनी भेजने के लिए भी राजनयिक चैनल का सहारा लिया गया। पाकिस्तानी मंत्री इकबाल का अपना क्षेत्र नोरोवाल भी बाढ़ से बुरी तरह ग्रस्त है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन ने मानसून की भविष्यवाणी को मुश्किल कर दिया है, जिससे आंकड़े साझा करना और भी जरूरी हो गया है।

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