कानपुर में खाद्य सुरक्षा कमिश्नर की 5 फर्मों पर रेड, 7.50 करोड़ की नशीली दवाएं बरामद, गोदाम सील
यूपी के कानपुर में नशीली और एक्सपायरी दवाओं की बिक्री की सूचना पर मंगलवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने चार टीमों के साथ बिरहाना रोड की दुकान और कोपरगंज के गोदाम में छापेमारी की। अग्रवाल ब्रदर्स नाम से संचालित पिता-पुत्र के इन प्रतिष्ठानों से करोड़ों रुपये के कोडीन युक्त कफ सिरप, ट्रामाडोल टैबलेट्स और एक्सपायरी दवाएं बरामद हुई हैं। उधर, पिता-पुत्र मौके से फरार हो गए। आयुक्त डॉ. रोशन जैकब टीम के साथ सबसे पहले थोक दवा बाजार बिरहाना रोड की अग्रवाल ब्रदर्स फर्म के विनोद अग्रवाल और उनके बेटे शिवम अग्रवाल की दुकान पर पहुंचीं।
इसके बाद कोपरगंज गोदाम गईं। यहां बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित सिरप, दवाएं बरामद हुईं। यह लोग बिक्री एवं वितरण का कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं करा पाए। टीम ने शिवम अग्रवाल की दूसरी फर्म मेडिसिना, विक्की लालवानी की एसजीपीएस, अनमोल गुप्ता की वेदांश फार्मेसी में भी छापेमारी की। एसजीपीएस फर्म क्रय-विक्रय की जानकारी नहीं दे सकी। रोशन जैकब ने बताया कि अग्रवाल ब्रदर्स, मेडिसिना और एसजीपीएस फर्म पर रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।
खाद्य आयुक्त के शहर में छापेमारी से हड़कंप मच गया। सालों से अग्रवाल ब्रदर्स नशे का कारोबार कर रहे थे। इसके बावजूद शहर के अफसरों को भनक तक नहीं लगी। इसलिए सर्किट हाउस आने के बाद शहर की टीम को आयुक्त ने जानकारी दी। इससे उनके भी हाथ पांव फूल गए। हिमाचल की लेबोरेट कंपनी से अग्रवाल ब्रदर्स ने नशे के सिरप को खरीदा था। वह लेबोरेट कंपनी का बड़ा डीलर है। उनके खिलाफ लखनऊ से भी काफी सबूत मिले हैं। इसके लिए आयुक्त को खुद आकर छापेमारी करनी पड़ी। जिसमें बड़े पैमाने पर गोरखधंधे का खुलासा हुआ है। इससे शहर में चल रही कार्रवाई पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा हो रहा है। आखिरकार शहर के अफसर क्यों नहीं नशे के सौदागरों को पकड़ पा रहे थे।
अग्रवाल ब्रदर्स का मालिक विनोद अग्रवाल नशे के कारोबार का बड़ा खिलाड़ी है। पहले वह अकेले काम करता था। फिर उसने अपने बेटे शिवम अग्रवाल को भी साझेदार बनाया। इतना ही नहीं बेटे शिवम की मेडिसिना एक अलग फर्म भी बनवा दी। जिसमें उसका दोस्त अनमोल गुप्ता साझेदार भी है। वेदांश फर्म अनमोल गुप्ता की है। तीन फर्मों के जरिए नशे का कारोबार हो रहा था। मौके पर अनमोल ने अफसरों को बताया कि वह सिर्फ एक साल से कारोबार कर रहा हैवहीं वेदांश व एसजीपीएस फर्म में विभाग की तीन अन्य टीमों ने छापा मारा। सभी पांचों फर्मों और गोदामों की सील कर दिया गया है। 7.50 करोड़ की नशीली दवाएं बरामद हुई हैं। आयुक्त ने संचालकों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट व भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
