नर्क का द्वार और जानलेवा झील…ये घटनाएं विज्ञान को देती हैं चुनौती
रहस्यों से दुनिया भरी हुई है। धरती पर प्रकृति और इंसानों द्वारा बनाई गई कई अजीबोगरीब और अद्भुत घटनाएं हुई हैं। विज्ञान ने कई रहस्यों को सुलझा लिया है, लेकिन अभी भी कुछ अनसुलझी हैं। यह रहस्यमयी घटनाएं लोगों को हैरान करती हैं और सोचने पर मजबूर करती हैं। इन रहस्यों में रूस में बने गहरे गड्ढे, कैमरून की झील से निकलने वाली हरीली गैस, प्राचीन स्टोनहेंज और तुर्कमेनिस्तान का ‘नर्क का द्वार’ जैसी जगहें शामिल हैं।
अफ्रीकी देश कैमरून की न्योस झील में 1986 में एक भीषण त्रासदी हुई थी। इससे अचानक लाखों टन कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकली थी। इसके कारण झील के पास आस-पास रहने वाले करीब 1,760 लोगों और 3,500 जानवरों की जान चली गई थी। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह जहरीली गैस झील के तल में जमा थी और किसी प्राकृतिक घटना की वजह से अचानक बाहर आ गई थी। यह रहस्यमयी घटना अभी भी अनसुलझी हुई है।
रूसी वैज्ञानिकों ने साल 1970 में धरती की गहराई का पता लगाने के लिए खुदाई कर शुरू की। वह 12 साल की कड़ी मेहनत के बाद सिर्फ 12 किलोमीटर तक गड्ढा खोद पाए। लेकिन वहां का तापमान 180 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इससे मशीनें पिघलने लगीं और खुदाई बंद करनी पड़ी। इस गड्ढे से निकली अजीब आवाजें और इसकी गहराई अभी एक रहस्य हैं। इसे ‘कोला सुपर डीप बोरहोल’ कहा जाता है।
तुर्कमेनिस्तान के रेगिस्तान में एक विशाल गड्ढा है, जिसमें आग धधकती रहती है। इसके नर्क का द्वार कहा जाता है। इसमें साल 1971 से लगातार आग निकल रही है। बताया जाता है कि यह मीथेन गैस के कारण जल रही है।
